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राहुल का संभल कूचः दिल्ली-नोएडा वालों का बुरा हाल, गाजीपुर बॉर्डर पर जाम की जरा हालत देखिए

किसानों को हिरासत में लेने की पुलिस की कार्रवाई के बाद आक्रोश बढ़ गया है. किसान नेता राकेश टिकैत यमुना एक्सप्रेसवे के जीरो पॉइंट पर आज महापंचायत कर करने वाले हैं.

राहुल का संभल कूचः दिल्ली-नोएडा वालों का बुरा हाल, गाजीपुर बॉर्डर पर जाम की जरा हालत देखिए
नई दिल्ली:

दिल्ली-नोएडा आने जाने वालों पर दोहरी मार है. किसानों के दिल्ली कूच के साथ बुधवार को राहुल गांधी के संभल कूच और पुलिस की भारी बैरिकेडिंग ने लोगों को गाजीपुर बॉर्डर पर भारी जाम में फंसा दिया. शाही जामा मस्जिद सर्वे पर बवाल के बाद हुई हिंसा में मौतों पर सियासत गरमाई हुई है. बुधवार सुबह राहुल गांधी और प्रियंका गांधी का काफिल संभल के लिए निकला, लेकिन पुलिस ने उन्हें गाजिपुर बॉर्डर पर रोक दिया. यूपी सरकार 10 दिसंबर तक संभल जाने पर रोक लगाई हुई है. राहुल के काफिले को रोकने के लिए गाजीपुर बॉर्डर पर भारी बैरिकेटिंग की गई थी. रास्ते को डायवर्ट कर दिया गया था. इससे रोज ऑफिस आने जाने वालों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा. दोपहर साढ़े 11 बजे हालत यह थी कि गाजीपुर बॉर्डर पर भारी जाम लग गई. कई किलोमीटर तक वाहनों की कतारें लग गईं. गाजीपुर बॉर्डर पर दोपहर साढ़े 11 बजे  ट्रैफिक की क्या स्थिति थी, इसका अंदाजा आप नीचे लगे गूगल मैप के स्क्रीन शॉट से समझ सकते हैं...

सुबह साढ़े 11 बजे गाजीपुर बॉर्डर पर ट्रैफिक का ऐसा था हाल   

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किसानों ने बुलाई है महापंचायत,  चिल्ला-महामाया पर फिर लगेगा जाम?

नोएडा के दलित प्रेरणा स्थल में धरने पर बैठे किसानों को पुलिस द्वारा गिरफ्तार करने के बाद से किसान आक्रोशित हैं और आगे की रणनीति बनाने जुट गए हैं. किसान आंदोलन को तेज करने की तैयारी में हैं. यमुना एक्सप्रेसवे (Yamuna Expressway)  के जीरो पॉइंट पर किसानों की महापंचायत बुलाई गई है. जिसमें किसान नेता राकेश टिकैत भी शामिल होंगे. वही नोएडा के सेक्टर 70 में संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले बैठक का भी आयोजन किया गया. जिसमें किसान नेता सुखबीर खलीफा समेत अन्य नेताओं की गिरफ्तार किसानों रोष व्यक्त किया गया. बैठक के बाद किसान नेता अतुल यादव ने मंगलवार को बताया कि बुधवार को किसान फिर 12 बजे महामाया फ्लाईओवर पर हजारों की तादाद में किसानों पहुंचेगे, और धरना प्रदर्शन करेंगे. 

किसान बड़े आंदोलन की तैयारी में
लुक्सर जेल में बंद भारतीय किसान परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखवीर खलीफा समेत अन्य किसानों का वीडियो वायरल हुआ है। वायरल वीडियो में किसान नेता सुखबीर पहलवान उर्फ सुखबीर खलीफा ने कहा कि आज का धरना हमने पूरा किया है. कल का धरना तुम पूरा करोगे, परसों का धरना तीसरा पूरा करेंगे। निश्चित तौर पर नहीं हटेंगे. 

किसान आंदोलन का ट्रैफिक व्यवस्था पर पड़ सकता है असर
किसानों के विरोध प्रदर्शन और पुलिस जांच के कारण चिल्ला बॉर्डर, डीएनडी फ्लाईवे, दिल्ली गेट और कालिंदी कुंज से गुजरने वाले यात्रियों को एक बार फिर परेशानी का सामना करना पड़ सकता है.  पुलिस की ओर से दिल्ली-नोएडा सीमा के दोनों ओर बैरिकेड लगाये गए हैं. इसके चलते यातायात पर असर हो सकता है. 

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नोएडा से दिल्ली जाने वाले लोगों को हो सकती है परेशानी
नोएडा से दिल्ली और दिल्ली से नोएडा जाने वालों को किसानों के जमावड़ा के कारण परेशानी हो सकती है.  ट्रैफिक व्यवस्था को लेकर प्रशासन की तरफ से काफी व्यवस्था की गयी है. हालांकि सुबह के समय लोगों को परेशानी हो सकती है.  किसी भी तरह की असुविधा होने पर यातायात पुलिस की तरफ से हेल्प लाइन नंबर  9971009001 लोगों के लिए जारी किया गया है.

  • चिल्ला बॉर्डर (Chilla Border) से ग्रेटर-नोएडा की ओर जाने वाले वाहन सेक्टर 14 ए फ्लाई ओवर से गोलचक्कर चौक सेक्टर 15 होकर संदीप पेपर मिल चौक, झुंडपुरा चौक से गंतव्य की ओर जाएंगे.
  • ग्रेटर नोएडा से दिल्ली की ओर जाने वाले वाहन हाजीपुर अंडरपास से कालिंदी कुंज की ओर तथा सेक्टर 51 से सेक्टर 60 से मॉडल टाउन होकर निकल सकते हैं.
  • पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे से उतरकर सिरसा, परीचौक होकर दिल्ली जाने वाला यातायात सिरसा पर न उतरकर दादरी, डासना होकर निकल सकते हैं. 

पुलिस ने 160 से अधिक किसानों को किया गिरफ्तार
 संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर अपनी विभिन्न मांगों को लेकर नोएडा के ‘दलित प्रेरणा स्थल' पर धरना दे रहे 160 से अधिक किसानों को पुलिस ने मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया. संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के आह्वान पर सोमवार को उत्तर प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से गौतम बुद्ध नगर में एकत्र हुए प्रदर्शनकारियों ने धमकी दी थी कि अगर एक सप्ताह के भीतर उनकी मांगें पूरी नहीं की गईं तो वे राष्ट्रीय राजधानी की ओर अपना मार्च फिर से शुरू करेंगे. 

पुलिस कार्रवाई की निंदा करते हुए एसकेएम ने कहा कि यह शांतिपूर्ण विरोध के संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन है और न्यायपालिका से हस्तक्षेप करने का आग्रह किया.  एक बयान में, किसानों के समूह ने दावा किया कि पुलिस ने “एक सौ से अधिक महिलाओं सहित सैकड़ों किसानों” को गिरफ्तार किया और उन्हें विरोध स्थल से जबरन हटा दिया.

किसानों की क्या-क्या है मांग? 

  • पुराने भूमि अधिग्रहण कानून के तहत प्रभावित किसानों को 10% प्लॉट और 64.7% बढ़ा हुआ मुआवजा दिया जाए. 
  • 1 जनवरी 2014 के बाद अधिग्रहित भूमि पर बाजार दर का चार गुना मुआवजा और 20% प्लॉट दिया जाए. 
  • भूमिहीन किसानों के बच्चों को रोजगार और पुनर्वास का लाभ दिया जाए.
  • हाई पावर कमेटी द्वारा पास किए गए मुद्दों पर सरकारी आदेश जारी किया जाए.
  • आबादी क्षेत्र का उचित निस्तारण किया जाना चाहिए.

जबरदस्‍त तैयारी के साथ आए हैं किसान 
किसानों की आंदोलन को लेकर जबरदस्‍त तैयारी है. किसान हर स्थिति के लिए तैयार होकर पहुंचे हैं. दलित प्रेरणा स्‍थल पर पहुंची एनडीटीवी की टीम ने किसानों की तैयारी के बारे में बातचीत की. किसान कई दिनों का राशन और पानी लेकर आए हैं. साथ ही मौके पर रोटी पकाने के लिए तंदूर और सब्जियों की भी पूरी व्‍यवस्‍था है. मौके पर कई बोरियों में भरकर पानी के छोटे-छोटे पाऊच भी लाए गए हैं. 

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CM योगी ने बनाई 5 सदस्यीय कमेटी
उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदर्शनकारी किसानों की शिकायतों का समाधान करने के लिए पांच सदस्यीय समिति का गठन किया है और एक महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट देने को कहा है. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर नोएडा-ग्रेटर नोएडा में आंदोलनरत किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए औद्योगिक विकास विभाग के सचिव अभिषेक प्रकाश ने पांच सदस्यी समिति गठित करने का आदेश जारी किया.

जारी निर्देश के अनुसार, समिति को भूमि अधिग्रहण और मुआवजा विवादों के संबंध में किसानों द्वारा की गई शिकायतों की जांच करने का काम सौंपा गया है। यह 21 फरवरी, 2024 और 27 अगस्त, 2024 के पहले के सरकारी आदेशों में उजागर किए गए मामलों की भी समीक्षा और जांच करेगी. इसमें कहा गया कि शासन ने यह अपेक्षा की है कि समिति हितधारकों के साथ सुनवाई करेगी, पूर्व निर्णयों का सत्यापन करेगी और प्रदर्शनकारियों की चिंताओं के समाधान के लिए एक खाका तैयार करेगी.

समिति में विशेष सचिव (राजस्व), उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीईआईडीए) के अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी, उप सचिव (औद्योगिक विकास), प्रभावित क्षेत्र के जिला प्रशासन का एक प्रतिनिधि और स्थानीय प्राधिकरण प्रतिनिधि शामिल हैं.

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