फाइल फोटो
जयपुर:
राजस्थान के अलवर में एक किसान का आरोप है कि उसकी 51 दुधारू गायों को कुछ स्थानीय लोगों ने छीनकर एक गोशाला को सौंप दिया है, क्योंकि उन्हें शक था कि इन पशुओं की तस्करी की जी रही है. किसान सुब्बा खान का कहना है कि यह सारी कार्रवाई पुलिस की मौजूदगी में हुई. पुलिस का कहना है कि उनकी इस मामले में कोई भूमिका नहीं है, और वह एक स्थानीय राजनेता की अध्यक्षता में चल रहे प्राइवेट ट्रस्ट के कब्ज़े से नहीं छुड़वा सकते. किसान सुब्बा खान ने अब जिला प्रशासन से मदद मांगी है, और प्रशासन ने जांच के आदेश दे दिए हैं.
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सुब्बा खान का कहना है कि उसकी गायें 3 अक्टूबर को चरने के लिए बाहर निकाली गई थीं, और उसके बाद वे कभा नहीं लौटीं. अब गायों के चले जाने के बाद पीछे छूट गए पांच बछड़ों को संभालने की कोशिश में जुटे सुब्बा खान ने कहा, "गांव वाले मिले हुए हैं... वे पुलिस की मौजूदगी में गायों को ले गए... मैं गरीब आदमी हूं... हम लोग किसान हैं... हम दूध बेचकर घर चलाते हैं... और अब 11 दिन हो गए हैं, मेरी गायों को मुझसे छीने हुए..."
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सुब्बा खान की पत्नी रज़िया ने कहा, "हम लोग एक क्विंटल दूध रोज़ बेचते थे... अब आप ही सोचिए, हम अपने बच्चों को खाना भी कैसे खिलाएंगे...?" स्थानीय पुलिस अधिकारी चांद सिंह राठौर ने ग्रामीणों को मदद देने के आरोपों को नकारते हुए कहा कि उनके लोगों को भीड़ को काबू करने के लिए भेजा गया था. पुलिस ने यह भी बताया कि सुब्बा खान ने कोई शिकायत दर्ज नहीं करवाई है, लेकिन जांच जारी है.
दूसरी ओर, गायों की तस्करी के आरोपों के बावजूद सुब्बा खान के खिलाफ भी कोई लिखित शिकायत दर्ज नहीं करवाई गई है, लेकिन पुलिस का कहना है कि वे गायों को आज़ाद नहीं करवा सकते हैं. राठौर ने कहा, "गांव वालों ने गायों को गोशाला में जमा करवा दिया है, हमें नहीं सौंपा है... हमारे पास इस मामले में कोई रिपोर्ट दर्ज नहीं है... अब वे कह रहे हैं कि वे उनकी गायें हैं... हमारा कहना है कि हमने उन्हें जब्त नहीं किया है, और इसीलिए हम उन्हें आज़ाद भी नहीं करवा सकते हैं..."
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सुब्बा खान का कहना है कि उसकी गायें 3 अक्टूबर को चरने के लिए बाहर निकाली गई थीं, और उसके बाद वे कभा नहीं लौटीं. अब गायों के चले जाने के बाद पीछे छूट गए पांच बछड़ों को संभालने की कोशिश में जुटे सुब्बा खान ने कहा, "गांव वाले मिले हुए हैं... वे पुलिस की मौजूदगी में गायों को ले गए... मैं गरीब आदमी हूं... हम लोग किसान हैं... हम दूध बेचकर घर चलाते हैं... और अब 11 दिन हो गए हैं, मेरी गायों को मुझसे छीने हुए..."
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दूसरी ओर, गायों की तस्करी के आरोपों के बावजूद सुब्बा खान के खिलाफ भी कोई लिखित शिकायत दर्ज नहीं करवाई गई है, लेकिन पुलिस का कहना है कि वे गायों को आज़ाद नहीं करवा सकते हैं. राठौर ने कहा, "गांव वालों ने गायों को गोशाला में जमा करवा दिया है, हमें नहीं सौंपा है... हमारे पास इस मामले में कोई रिपोर्ट दर्ज नहीं है... अब वे कह रहे हैं कि वे उनकी गायें हैं... हमारा कहना है कि हमने उन्हें जब्त नहीं किया है, और इसीलिए हम उन्हें आज़ाद भी नहीं करवा सकते हैं..."