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200 डॉक्टर शक के घेरे में, SIT को कमान... अल-फलाह के टेरर नेटवर्क के कनेक्शन जोड़ने में जुटीं एजेंसियां

दिल्ली बम ब्लास्ट मामले को लेकर फरीदाबाद पुलिस ने अल-फलाह यूनिवर्सिटी की गतिविधियों की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया है.

200 डॉक्टर शक के घेरे में, SIT को कमान... अल-फलाह के टेरर नेटवर्क के कनेक्शन जोड़ने में जुटीं एजेंसियां
  • दिल्ली में कार ब्लास्ट और 3 राज्यों में व्हाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल की जांच कई एजेंसियां कर रही हैं
  • फरीदाबाद पुलिस ने अल-फलाह यूनिवर्सिटी की गतिविधियों की जांच के लिए एक विशेष जांच दल का गठन किया है
  • अल-फलाह यूनिवर्सिटी के कई डॉक्टरों को गिरफ्तार किया गया है, अब इस मामले में आगे की कार्रवाई जारी है
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फरीदाबाद:

दिल्ली में कार ब्लास्ट और 3 राज्यों में फैले व्हाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल की जांच में कई एजेंसियां जुटी हुई हैं. इसी बीच, फरीदाबाद पुलिस ने अल-फलाह यूनिवर्सिटी की गतिविधियों की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया है. यूनिवर्सिटी के कई डॉक्टरों को हाल ही में गिरफ्तार किया गया था. पुलिस सूत्रों के मुताबिक, जांच एजेंसियों ने एक कैब ड्राइवर, एक मौलवी और एक उर्दू शिक्षक को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है.

यूनिवर्सिटीज की गतिविधियों की जांच

सूत्रों के मुताबिक, जांच एजेंसियों ने पूछताछ के लिए एक कैब ड्राइवर, एक मौलवी और एक उर्दू टीचर को हिरासत में लिया है. SIT, जिसमें दो असिस्टेंट कमिश्नर ऑफ पुलिस, एक इंस्पेक्टर और दो सब-इंस्पेक्टर शामिल हैं, यूनिवर्सिटी की एक्टिविटीज़ पर एक पूरी रिपोर्ट तैयार कर रही है. फरीदाबाद पुलिस के एक स्पोक्सपर्सन ने कहा, "फरीदाबाद में अल फलाह यूनिवर्सिटी के मामलों की जांच के लिए एक SIT बनाई गई है, सभी पहलुओं पर गौर किया जाएगा."

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एसआईटी में कौन-कौन शामिल

एसआईटी में दो सहायक पुलिस आयुक्त, एक निरीक्षक और दो उप निरीक्षक हैं. यह विश्वविद्यालय की गतिविधियों पर एक व्यापक रिपोर्ट तैयार कर रही है. फरीदाबाद पुलिस के प्रवक्ता ने कहा, ‘‘अल फलाह विश्वविद्यालय फरीदाबाद की गतिविधियों की जांच के लिए एक एसआईटी का गठन किया गया है। सभी पहलुओं की जांच की जाएगी.'' फरीदाबाद के पुलिस आयुक्त सतेंद्र कुमार गुप्ता ने एसआईटी को निर्देश दिया कि वह विश्वविद्यालय में आतंकवाद का गढ़ बनने के बारे में जांच करे.

रडार पर अल-फलाह के 200 से ज्यादा डॉक्टर

पुलिस सूत्रों ने बताया कि एसआईटी ऐसे समय में गठित की गई है जब पुलिस महानिदेशक ओ.पी. सिंह ने मंगलवार को अल फलाह विश्वविद्यालय का दौरा करने के बाद कहा था कि पुलिस आयुक्त और उपायुक्त को खुद उस जगह का दौरा करना चाहिए. पुलिस सूत्रों के अनुसार इस जांच के दौरान एजेंसियों के रडार पर अब अल-फलाह यूनिवर्सिटी के 200 से ज्यादा डॉक्टर हैं. जांच एजेंसियां इस यूनिवर्सिटी के कुछ स्टॉफ से भी पूछताछ करने की तैयारी में हैं. पुलिस को जानकारी मिली है कि धमाके वाले दिन ही कई डॉक्टर एकाएक इस यूनिवर्सिटी को छोड़कर चले गए थे.

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क्या पता लगाने में जुटी जांच एजेंसियां

जांच एजेंसियां अब इस बात का भी पता लगाने की कोशिश में जुटी है कि आखिर दिल्ली में हुए धमाके के बाद कितने डॉक्टर व अन्य स्टॉफ ने एकाएक यूनिवर्सिटी छोड़कर गए थे.कहा जा रहा है कि जांच में पता चला है कि कई लोग ऐसे भी हैं जिन्होंने इस धमाके के बाद अपने मोबाइल का डेटा भी डिलीट किया था. अब जांच एजेंसियों इन लोगों के लैपटॉप और फोन की जांच कर इस बात का पता लगाने की कोशिशों में जुटी हैं कि आखिर इनमें कौन से ऐसे डेटा थे जिन्हें धमाके के ठीक बाद डिलीट किया गया था.

अल-फलाह का टेरर कनेक्शन

दिल्ली ब्लास्ट के बाद अल-फलाह यूनिवर्सिटी सुर्खियों में है. दिल्ली में 10 नवंबर को ब्लास्ट करने वाला आत्मघाती आतंकी डॉ उमर उन नबी अल फलाह से जुड़ा पहला आतंकी नहीं था. 2008 में अहमदाबाद में सीरियल बम धमाके हुए थे, इसमें शामिल आतंकी मिर्जा शादाब बेग भी अल-फलाह यूनिवर्सिटी का ही छात्र है. उसने 2007 में फरीदाबाद के अल-फलाह इंजीनियरिंग कॉलेज से इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इंस्ट्रूमेंटेशन में बीटेक पूरा किया था और 2008 में अहमदाबाद में होने वाले सीरियल ब्लास्ट में शामिल रहा. यानी पढ़ाई के दौरान ही हमले की तैयारी में था. सालों से यह फरार है. अभी इसके अफगानिस्तान में होने की खबर है.

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