NDTV के एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर और एडिटर इन चीफ संजय पुगलिया से बात करते हुए विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर
नई दिल्ली:
विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर से NDTV के एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर और एडिटर इन चीफ संजय पुगलिया से एक्सक्लूसिव बातचीत में कहा कि कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाना हमारी सबसे बड़ी उपलब्धि है.
विदेशमंत्री के EXCLUSIVE इंटरव्यू की 10 बड़ी बातें...
- विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने एक्सक्लूसिव बातचीत में कहा, "2008 की मंदी के बाद दुनिया के सामने कई चुनौतियां आईं. 2023 में भी जिंदगी बहुत जटिल है. कोरोना महामारी के बाद कई चिंताएं हैं. भारत की जी-20 की अध्यक्षता अनूठी है."
- एनडीटीवी के एडिटर इन चीफ संजय पुगलिया से बात करते हुए विदेश मंत्री कहा, "नई विश्व व्यवस्था में भारत की अहम भूमिका है. हमें डिबेटिंग फोरम में डिबेट करना है. वहां मैदान नहीं छोड़ना है. लेकिन जहां बात और सहयोग से काम हो जाए, हमें वो काम भी करना है."
- PM मोदी के साथ यात्रा करने के अनुभव के बारे में बताते हुए विदेश मंत्री ने कहा, "PM मोदी देश के निर्माण में पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं. वो खुले विचारों वाले और टेक्नोलॉजी फ्रेंडली भी हैं. पीएम ऐसे व्यक्तित्व हैं, जो हमेशा नई चीजों और नई जानकारियों को लेकर उत्सुक रहते हैं. उनमें नई चीजों को सीखने की अपार इच्छा है. उन्होंने विदेश नीति पर बहुत समय दिया है."
- रूस-यूक्रेन युद्ध और दुनिया के मौजूदा हालात पर विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि हम वार्ता के खिलाफ नहीं हैं. बल्कि हमारा मानना है कि इसी से समस्या का हल निकलता है. उन्होंने कहा कि ये जंग का समय नहीं है. हमें एक-दूसरे को सहयोग करते हुए आगे बढ़ना होगा.
- विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा, "ग्लोबल साउथ एक फीलिंग है, जो हमारे दिल में है. ग्लोबल साउथ का मतलब ऐसे देशों से हैं, जो दूसरे देशों के साथ को-ऑपरेट करके काम करते हैं."
- भारतीय क्षेत्रों के अपने मैप में दिखाने की चीन की हिमाकत को लेकर पूछे गए सवाल पर जयशंकर ने कहा, "ऐसा करना उनकी पुरानी आदत रही है. अक्साई चीन और लद्दाख भारत का अभिन्न हिस्सा हैं. हमारी सरकार का रुख देश के हिस्सों को लेकर बेहद साफ है. अनाप-शनाप दावे करने से दूसरों के इलाके आपके नहीं हो सकते"
- एस जयशंकर ने कहा, "यूरोप में संघर्ष का असर ईंधन, भोजन पर पड़ रहा है. आर्थिक परिणामों वाली क्लाइमेट चेंज की घटनाएं ज्यादा हो रही हैं. दुनिया में हालात पहले से भी ज्यादा चिंताजनक हैं."
- विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एनडीटीवी से कहा कि भारत जलवायु परिवर्तन संकट से निपटने और ऊर्जा के हरित और नवीकरणीय स्रोतों के उपयोग में परिवर्तन करके दुनिया के लिए एक उदाहरण स्थापित कर रहा है. उन्होंने कहा, "इस बार का जी20 जनभागीदारी, समस्याओं का हल तलाशने में जनता की भागीदारी, चाहता है. जी20 के मुद्दे भोजन, ऊर्जा, क्लाइमेट हैं, लेकिन लाइफ़स्टाइल में भी अहम बदलाव लाने होंगे."
- विदेश मंत्री कहा, "विकसित देश क्लाइमेट एक्शन के बारे में बात तो करते हैं, लेकिन एक्शन नहीं लेते. भारत इन मुद्दों को उठाता आया है. ग्लोबल साउथ की आवाज बनना जिम्मेदारी का विषय है. यह उपाधि हमने खुद को नहीं दी. क्लाइमेट एक्शन बहुत ज़रूरी है, क्योंकि जलवायु आपदाएं और आपात स्थितियां एक आर्थिक आपदा बनती जा रही हैं."
- उन्होंने कहा, "हम 125 देशों में गए हैं और उनसे जी20 के मुद्दों के बारे में पूछा है. जलवायु का मुद्दा बदतर होता जा रहा है. यह कोई अलग विभाग नहीं है. जलवायु आपदाएं नियमित रूप से हो रही हैं और एक प्रमुख आर्थिक व्यवधान बन गई हैं. यदि जलवायु परिवर्तन से आपूर्ति श्रृंखला बाधित होती है, आपकी पूरी अर्थव्यवस्था ख़तरे में पड़ जाएगी."