#DecodingG20WithNDTV: जी-20 को लेकर विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने एनडीटीवी के एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर और एडिटर इन चीफ संजय पुगलिया से एक्सक्लूसिव बातचीत में चीन को कड़ा संदेश दिया. उन्होंने कहा कि बेतुके दावे करने से दूसरों के इलाके आपके नहीं हो सकते. भारतीय क्षेत्रों के अपने मैप में दिखाने की चीन की हिमाकत को लेकर पूछे गए सवाल पर जयशंकर ने कहा, "ऐसा करना उनकी पुरानी आदत रही है. अक्साई चीन और लद्दाख भारत का अभिन्न हिस्सा हैं. हमारी सरकार का रुख देश के हिस्सों को लेकर बेहद साफ है."
उन्होंने कहा कि चीन का बातचीत का मुद्दा अलग है, नक्शे अलग. पहले भी चीन नक्शे निकालता रहा है. चीन के दावे से कुछ नहीं होता. वो इलाके भारत का हिस्सा हैं.
भारत को चीन प्लस वन के रूप में नहीं दिखाया जाना चाहिए- एस जयशंकर
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि जी 20 अपने जनादेश का पालन करेगा, जो वैश्विक वृद्धि और विकास है. यूएनएससी अपना काम करता रहेगा. आप कहीं और जाकर संयुक्त राष्ट्र को ठीक नहीं कर सकते. संयुक्त राष्ट्र के सदस्यों को यह महसूस करना होगा कि यह सुधारों का समय है. भारत को चीन प्लस वन के रूप में नहीं दिखाया जाना चाहिए".
PM मोदी ने कहा है- ये युद्ध का समय नहीं
विदेश मंत्री ने कहा कि ये युद्ध का समय नहीं है... इस लाइन से पीएम मोदी ने दुनिया के दिल की बात कह दी है. हमें एक-दूसरे को सहयोग करते हुए आगे बढ़ना होगा.
#SJaishankarToNDTV | अनाप-शनाप दावे करने से दूसरों के इलाके आपके नहीं हो सकते : चीन को विदेशमंत्री एस जयशंकर का कड़ा संदेश#DecodingG20WithNDTV #MegaNDTVExclusive #NDTVDecodingG20 @DrSJaishankar @sanjaypugalia pic.twitter.com/Q5Szx5Cz42
— NDTV India (@ndtvindia) August 29, 2023
भारत ग्लोबल साउथ की आवाज है
विदेशमंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत अपनी मिसाल बना रहा है. भारत ग्लोबल साउथ की आवाज है. ग्लोबल साउथ विकास का अक्स है, आय का अक्स है. ग्लोबल साउथ एकता का अहसास भी है. ग्लोबल साउथ प्रदर्शन का आइना भी है. ग्लोबल साउथ की आवाज़ बनना बहुत बड़ा उत्तरदायित्व है, हमने यह नाम खुद नहीं दिया है.
एस जयशंकर ने कहा, "हमारे लिए ये महत्वपूर्ण है कि हम देश में विनिर्माण बढ़ाने के तरीके ढूंढे. क्योंकि यह एक रोजगार समर्थक नीति है. हमारे लिए ये एक बड़ा अवसर है. दुनिया पारदर्शिता के साथ अधिक आपूर्ति श्रृंखला चाहती है.'' उन्होंने कहा कि भारत को ''चीन+1'' के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए.
विदेश मंत्री ने कहा, "मैं इस बात से सहमत हूं कि जो लोग उपदेश देते हैं, वे उस पर अमल नहीं करते हैं. हमें अपने काम से दुनिया को दिखाना है. वैश्विक दक्षिण की आवाज के रूप में हमें बहस के मंचों पर बहस करनी चाहिए. ये हमारी जिम्मेदारी है.''
पीएम ने कहा था ये युद्ध का युग नहीं है- विदेश मंत्री
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आज कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को वैश्विक राजनीति की बहुत गहरी समझ है और उनका बयान 'ये युद्ध का युग नहीं है' रूस-यूक्रेन युद्ध पर वैश्विक भावना का सार है.
एनडीटीवी के साथ एक विशेष साक्षात्कार में विदेश मंत्री ने कहा, "सिर्फ वो एक वाक्य, जो उन्होंने समरकंद में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात के दौरान कहा था. एक तरह से, अगर मैं वैश्विक भावना का एक वाक्य लूं. तो वैश्विक भावना आज समाधान के रूप में संघर्ष या युद्ध की कल्पना नहीं करती है, क्योंकि हर किसी के जीवन पर इसके बहुत सारे परिणाम होते हैं. मैं कहूंगा कि उन्होंने उस एक वाक्य में, बहुत विविध देशों के विचारों को स्पष्ट कर दिया है."
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