वार्ता के ख़िलाफ़ नहीं, इसी से हल निकलते हैं : दुनिया के हालात पर NDTV से बोले विदेशमंत्री एस जयशंकर

महामारी और चल रहे संघर्ष के चलते 2023 की दुनिया काफी जटिल है. ऐसे में कौन आगे बढ़कर बीच का रास्ता निकाल सकता है?  ईस्ट-वेस्ट और नॉर्थ-साउथ की दूरियों को कौन पाट सकता है. ऐसे में भारत सम्मान के साथ दुनिया को राह दिखा रहा है...

#DecodingG20WithNDTV: जी-20 को लेकर विदेशमंत्री डॉ. एस जयशंकर ने एनडीटीवी के एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर और एडिटर इन चीफ संजय पुगलिया से एक्सक्लूसिव बातचीत में दुनिया के हालात को लेकर कहा कि हम वार्ता के खिलाफ नहीं, इसी से हल निकलते हैं. दुनिया अब बहुध्रुवीय हो रही है. जिसके लिए ज्यादा कुशल कूटनीति (डिप्लोमेसी) की जरूरत है. ये कूटनीति ऐसे लोगों के लिए बिल्कुल नहीं है, जो धैर्य नहीं रख पाते. हमारी पड़ोस नीति प्रथम है, यानी पड़ोस भी सुरक्षित और समृद्ध रहे. 

2023 की दुनिया काफी जटिल है

महामारी और चल रहे संघर्ष के चलते 2023 की दुनिया काफी जटिल है. ऐसे में कौन आगे बढ़कर बीच का रास्ता निकाल सकता है?  ईस्ट-वेस्ट और नॉर्थ-साउथ की दूरियों को कौन पाट सकता है. ऐसे में भारत सम्मान के साथ दुनिया को राह दिखा रहा है...

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नक्शे जारी करना चीन की पुरानी आदत, उससे कुछ नहीं होता

इस वार्ता में विदेशमंत्री एस जयशंकर ने चीन को कड़ा संदेश दिया. उन्होंने कहा कि अनाप-शनाप दावे करने से दूसरों के इलाके आपके नहीं हो सकते. भारतीय क्षेत्रों के अपने मैप में दिखाने की चीन की हिमाकत को लेकर पूछे गए सवाल पर जयशंकर ने कहा कि ऐसा करना उनकी पुरानी आदत रही है. अक्साई चीन और लद्दाख भारत का अभिन्न हिस्सा है. हमारी सरकार का रुख देश के हिस्सों को लेकर बेहद साफ है. चीन का वार्ता का मुद्दा अलग होता है, नक्शे अलग. पहले भी चीन नक्शे निकालता रहा है. चीन के दावे से कुछ नहीं होता. वो इलाके भारत का हिस्सा हैं.

भारत को चीन प्लस वन के रूप में नहीं दिखाया जाना चाहिए- एस जयशंकर
विदेशमंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि जी 20 अपने जनादेश का पालन करेगा, जो वैश्विक वृद्धि और विकास है. यूएनएससी अपना काम करता रहेगा. आप कहीं और जाकर संयुक्त राष्ट्र को ठीक नहीं कर सकते. संयुक्त राष्ट्र के सदस्यों को यह महसूस करना होगा कि यह सुधारों का समय है. भारत को चीन प्लस वन के रूप में नहीं दिखाया जाना चाहिए".

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