देश में जाति के आधार पर लोगों के साथ के साथ भेदभाव की घटनाएं अभी भी थमने का नाम नहीं ले रही हैं. राजस्थान में एक दलित लड़के को मटके से पानी पीने पर उच्च वर्ग के टीचर द्वारा इस कदर पीटा गया कि उसकी मौत हो गई. पूर्व लोकसभा स्पीकर और कांग्रेस नेता मीरा कुमार (Meira Kumar) ने भी माना कि देश में जाति के आधार पर लोगों से भेदभाव की घटनाएं अभी भी जारी हैं. NDTV के साथ खास बातचीत में मीरा कुमार ने कहा, "जो भी हुआ है वह बेहद भयावह है. 100 साल पहले मेरे पिता बच गए थे, लेकिन 100 साल बाद बच्चे को जान गंवानी पड़ी."
उन्होंने कहा, "मैंने एक बार अपने पिता बाबू जगजीवन राम जी ( Babu Jagjivan Ram) से पूछा था कि आपने इस देश के लिए आजादी की लड़ाई क्यों लड़ी? आपने यह जोखिम क्यों लिया? इस देश ने आपके लिए और दलित वर्ग के लिए कुछ नहीं किया, आप लोगों को तो अपमान और अत्याचार ही झेलना पड़ा तो उन्होंने कहा था कि आजाद भारत बदलेगा. हमें जातिविहीन समाज मिलेगा. मुझे खुशी है कि (ऐसी घटनाओं को सुनने के लिए) आज वे नहीं हैं. आजादी के 75 साल भी इस मामले में भारत नहीं बदला है. यह बेहद दुखद है."
क्या आप मानती हैं कि आपको आज भी आपकी उपलब्धि के बजाय आपकी जाति के आधार पर अधिक जाना जाता है, इस सवाल पर मीरा कुमार ने कहा, "हां, मेरे पिता ने काफी मुश्किलों के बावजूद बहुत कुछ हासिल किया लेकिन उन्हें आज भी दलित लीडर के तौर पर जाना जाता है. किसी अन्य नेता को उसकी जाति से नहीं जाना जाता. चूंकि मेरे पिता दलित थे, इसलिए उन्हें इस नाम से जाना जाता है. मैंने भी कई बार इस तरह की परेशानी का सामना किया है. कई टिप्पणियों ने मुझे व्यथित किया है. केवल भारत में ही नहीं, मुझे लंदन में भी अपमान का सामना करना पड़ा था. मैं वहां रहने के लिए घर देख रही थी. एक व्यक्ति जो हिंदू भी नहीं था, वह क्रिश्चियन था मिस्टर जैकब. वह मुझे अपना घर किराए पर देना चाहता था. मुझे घर पसंद था. मैंने कहा कि मैं शिफ्ट करती हूं, इस दौरान उसने मुझ पर आखिरी सवाल दागा. उसने पूछा- क्या आप ब्राह्मण हैं तो मैंने-मैं ब्राह्मण नहीं हूं, मैं अनुसूचित जाति से हूं, क्या आपको कोई दिक्कत है तो उसने कहा-नहीं, लेकिन उसने मुझे घर भी नहीं दिया. "
मीरा कुमार ने कहा, "मेरे पिता को भी ऐसी स्थिति का सामना करना पड़ा. मेरे पिता देश के उप प्रधानमंत्री थे, वर्ष 1978 में वे डॉ. संपूर्णानंद की प्रतिमा का अनावरण करने के लिए बनारस गए थे. वहां उन्हें अपमानित किया गया, उनके खिलाफ जातिसूचक संबोधन इस्तेमाल किए गए. वे उप प्रधानमंत्री, बेहद प्रभावशाली शख्सियत थे, इसके बावजूद उनके खिलाफ अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल किया गया. कहा गया- जगजीवन *** चले जाओ. बाद में प्रतिमा को गंगाजल से धोया गया क्योंकि उनका मानना था कि प्रतिमा 'अशुद्ध' हो गई है.
100 वर्ष पहले मेरे पिताजी बाबू जगजीवन राम को स्कूल में सवर्णो के घड़े से पानी पीने से रोका गया था। किसी तरह उनकी जान बच गई।
— Meira Kumar (@meira_kumar) August 15, 2022
आज, इसी वजह से एक 9 वर्ष के #दलित बच्चे को मार दिया गया।
आज़ादी के 75 वर्षों के बाद भी #जातिवाद हमारा सबसे बड़ा शत्रु है। कलंक है।
राजस्थान की इस स्तब्ध करने वाली घटना का उल्लेख करते हुए मीरा कुमार ने एक ट्वीट में लिखा, "100 साल पहले मेरे पिता बाबू जगजीवन राम को स्कूल में सवर्णों के घड़े से पानी पाने से रोक दिया गया था. यह चमत्कार ही था कि उनकी जान बच गई." उन्होंने आगे लिखा कि आज इसी वजह से एक 9 वर्ष के दलित बच्चे को मार दिया गया. आज़ादी के 75 वर्षों के बाद भी जातिवाद हमारा सबसे बड़ा शत्रु है. यह कलंक है."
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