कुछ दिन पहले मणिपुर में चार मई को हुई एक बेहद ही झकझोर देने वाली घटना का वीडियो सामने आया था. पुरुषों के एक समूह द्वारा निर्वस्त्र परेड और छेड़छाड़ की शिकार दो महिलाओं में से एक के पति पूर्व सैनिक हैं. उन्होंने करगिल युद्ध भी लड़ा था. पूर्व सैनिक ने घटना के बाद अपनी बेबसी जताते हुए कहा कि मैंने देश की रक्षा की, लेकिन अपनी पत्नी की इज्जत नहीं बचा सका.
राज्य की राजधानी इंफाल में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने मणिपुर पुलिस की भूमिका पर गंभीर सवाल उठाए और आरोप लगाया कि भीड़ उनकी पत्नी और अन्य लोगों को पुलिस वाहन से ले गई और पुलिस ने इस पर कोई विरोध नहीं किया. पीड़ित महिला के पति ने असम रेजिमेंट में सूबेदार के रूप में भारतीय सेना में सेवा दी है.
उन्होंने कहा, "पुलिस वहां मौजूद थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की. मैं चाहता हूं कि उन सभी लोगों को कड़ी सजा मिले, जिन्होंने घर जलाए और महिलाओं को अपमानित किया."
उन्होंने कहा, "यहां बहुसंख्यक समुदाय ने हम जैसे अल्पसंख्यक समुदाय को हमेशा प्रताड़ित किया है. हम अब दूसरे समुदाय के साथ नहीं रह सकते. सरकार को अब कोई स्थायी समाधान निकालना चाहिए."
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