1965 युद्ध के स्वर्ण जयंती की शुरुआत शुक्रवार को अमर जवान ज्योति से होगी
नई दिल्ली:
पाकिस्तान के खिलाफ हुए 1965 के युद्ध को 50 साल पूरे हो गए हैं और भारत अपनी जीत की इस स्वर्ण जयंती की शुरुआत शुक्रवार को अमर जवान ज्योति से करने जा रहा है। इस समारोह में तीनों सेनाओं के सुप्रीम कमांडर और राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी 50 साल पहले जंग में शहीद हुए करीब तीन हजार जवानों को श्रद्धांजलि देंगे। साथ ही इस स्वर्ण जयंती के मौके पर रक्षा मंत्री भी होंगे लेकिन इस जंग में अपनी जान पर खेलने वाले सैनिक और शहीद हुए जवानों के परिवार इस कार्यक्रम से दूर रहेंगे।
गौरतलब है कि वन रैंक वन पेंशन के मुद्दे पर सरकार और पूर्व सैनिक एकमत नहीं हो पा रहे हैं। करीब ढाई महीने से जंतर मंतर पर रिले भूख हड़ताल पर बैठे फौजियों ने ऐलान कर दिया है कि जब तक सरकार उनकी मांग नही मानती है तब तक वह किसी भी सरकारी कार्यक्रम में हिस्सा नही लेंगे। सरकार और पूर्व सैनिकों के बीच पिछले दो दिनों से सेना प्रमुख की मध्यस्थता में लंबी बातचीत का दौर चल रहा है लेकिन किसी एक फार्मूला पर बात नहीं बन पा रही है।
शुक्रवार से शुरु होने वाला यह कार्यक्रम 22 सितंबर तक चलेगा जिसमें उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी हिस्सा लेंगे। हालांकि सर्विंग सैनिक तो इस समारोह में भाग जरूर लेंगे लेकिन जिनकी बदौलत 65 की जीत हासिल हुई है उनकी भागीदारी के बगैर जीत का जश्न ना केवल फीका पड़ जायेगा बल्कि इसमें सरकार की फजीहत भी होगी।
गौरतलब है कि वन रैंक वन पेंशन के मुद्दे पर सरकार और पूर्व सैनिक एकमत नहीं हो पा रहे हैं। करीब ढाई महीने से जंतर मंतर पर रिले भूख हड़ताल पर बैठे फौजियों ने ऐलान कर दिया है कि जब तक सरकार उनकी मांग नही मानती है तब तक वह किसी भी सरकारी कार्यक्रम में हिस्सा नही लेंगे। सरकार और पूर्व सैनिकों के बीच पिछले दो दिनों से सेना प्रमुख की मध्यस्थता में लंबी बातचीत का दौर चल रहा है लेकिन किसी एक फार्मूला पर बात नहीं बन पा रही है।
शुक्रवार से शुरु होने वाला यह कार्यक्रम 22 सितंबर तक चलेगा जिसमें उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी हिस्सा लेंगे। हालांकि सर्विंग सैनिक तो इस समारोह में भाग जरूर लेंगे लेकिन जिनकी बदौलत 65 की जीत हासिल हुई है उनकी भागीदारी के बगैर जीत का जश्न ना केवल फीका पड़ जायेगा बल्कि इसमें सरकार की फजीहत भी होगी।
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