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This Article is From Mar 27, 2023

देश में हर साल रोड एक्‍सीडेंट से डेढ़ लाख से अधिक लोगों की जाती है जान : ओम बिरला

बिरला ने कहा कि सरकारें नियम बना सकती हैं परंतु उनका पालन जनता का दायित्व है. सड़क सुरक्षा वास्तव में तभी सुनिश्चित की जा सकती है जब सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों के साथ सभी लोग और सिविल समाज भी इस कार्य में सहयोग करे.

देश में हर साल रोड एक्‍सीडेंट से डेढ़ लाख से अधिक लोगों की जाती है जान : ओम बिरला
लोकसभा स्‍पीकर ओम बिरला ने कांस्टीट्यूशन क्लब से कार रैली को झंडी दिखाकर रवाना किया
नई दिल्‍ली:

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने नई दिल्ली के कांस्टीट्यूशन क्लब से एक कार रैली को झंडी दिखाकर रवाना किया. कार रैली में सांसदों के अतिरिक्त रक्षा और अर्ध-सैनिक बलों के अधिकारी, उद्योग जगत के साथ-साथ जीवन के विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े लोग शामिल हुए.  इस वर्ष की कार रैली का विषय ‘रोड सेफ़्टी' अर्थात सड़क सुरक्षा है. इस अवसर पर बिरला ने कहा कि देश में रोड नेटवर्क की लंबाई और  गुणवत्ता में अभूतपूर्व वृद्धि की है. साथ ही हमारे राजमार्ग और सड़कें गिनती, लम्बाई और गुणवत्ता सब में बढ़ रहे हैं. जहां मिशन गति शक्ति के माध्यम से लोगों के सामाजिक आर्थिक जीवन में ऐतिहासिक बदलाव हुए है, वहीं दूसरी ओर सड़क हादसों की संख्या बढ़ रही है. सड़क हादसों में जान गंवाने वालों की संख्या बढ़ रही है जो गंभीर चिंता का विषय है. 

बिरला ने बताया कि हमारे देश में प्रति वर्ष 4 लाख से ज्यादा एक्सीडेंट होते हैं तथा प्रति वर्ष डेढ़ लाख से अधिक लोगों की इसमें मृत्यु हो जाती है. एक वर्ष के रोड एक्सीडेंट को यदि आर्थिक रूप से आकलन किया जाए तो यह हमारी GDP के लगभग 1 प्रतिशत के बराबर बैठेगा. उन्होंने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं से परिवार, समाज और देश सभी का नुकसान है.  सड़क सुरक्षा पर बोलते हुए लोकसभा अध्यक्ष बिरला ने कहा कि ट्रैफिक के नियम, सड़क पर चलने से संबंधित बातें मालूम सबको होती हैं, पर वे उनका पालन नहीं करते.यदि हम छोटी छोटी बातों पर ध्यान दें, यातायात के नियमों का पालन करें तो हम स्वयं को भी सुरक्षित रख पाएंगे और सड़क पर चलने वाले अन्य लोगों को भी सुरक्षा दे पाएंगे.

यह जिक्र करते हुए कि  इंजीनियरिंग, एनफोर्समेंट, एजुकेशन और इमरजेंसी केयर.. सड़क सुरक्षा के चार स्तम्भ हैं, बिरला ने कहा कि इस दिशा में सबसे जरूरी यह है कि हमारे नागरिक इस विषय पर जागरूक हों.उन्होंने कहा कि सरकारें नियम बना सकती हैं परंतु उनका पालन जनता का दायित्व है. सड़क सुरक्षा वास्तव में तभी सुनिश्चित की जा सकती है जब सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों के साथ सभी लोग और सिविल समाज भी इस कार्य में सहयोग करे.उन्होंने विचार व्यक्त किया कि इसके लिए व्यापक जागरूकता, शिक्षण और प्रशिक्षण अभियान चलाया जाए तथा नागरिकों और सामाजिक संगठनों की सक्रिय भागीदारी हो.उन्होंने सुझाव दिया कि सड़क सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जनता, विशेषकर युवाओं, की मानसिकता को बदलना होगा. उन्होंने लोगों से यातायात नियमों का पालन करने और दूसरों को भी यातायात नियमों का पालन करने के लिए प्रेरित करने का आग्रह किया.श्री बिरला ने आशा व्यक्त की कि कार रैली जैसे आयोजनों से लोगों में अधिक जागरूकता आएगी और सड़क सुरक्षा की गंभीर समस्या का सामना करने में सरकार के प्रयासों को बढ़ावा देने में भी मदद मिलेगी और सड़क सुरक्षा का सकरात्मक संदेश पूरे देश को जाएगा. कार्यक्रम के प्रारंभ में, सड़क हादसों में जान गंवाने वाले पूर्व संसद सदस्यों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई.

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