इस मामले में पाक उच्चायोग के कर्मी महमूद अख्तर को देश से निष्कासित किया जा चुका है (File)
नई दिल्ली:
समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सदस्य चौधरी मुनव्वर सलीम के निजी सहायक (पीए) फ़रहत को शनिवार को दिल्ली पुलिस ने जासूसी मामले में गिरफ्तार कर लिया. इस मामले में पाकिस्तानी उच्चायोग के एक कर्मी महमूद अख्तर को देश से निष्कासित किया जा चुका है. इस मामले में यह चौथी गिरफ्तारी है.
अपराध शाखा के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि फ़रहत को शुक्रवार रात सलीम के आवास से हिरासत में लिया गया और उससे लंबी पूछताछ के बाद शनिवार दोपहर बाद गिरफ्तार कर लिया गया. उन्होंने कहा कि शुरुआती पूछताछ से कुछ खुलासे हुए हैं, जिनमें और जांच की जरूरत है. क्योंकि कई अन्य नाम भी सामने आए हैं.
दिल्ली पुलिस इस मामले से जुड़े उन अन्य लोगों को भी पकड़ने की कोशिश कर रही है, जिनके बारे में उसका मानना है कि वे लोग पाकिस्तान उच्चायोग के कर्मी महमूद अख्तर के करीबी संपर्क में थे. अख्तर को 26 अक्टूबर को गोपनीय दस्तावेज लेते हुए पकड़ा गया था.
पुलिस ने खुफिया जानकारी के आधार पर बुधवार को दिल्ली चिड़ियाघर के पास पाकिस्तान उच्चायोग के अधिकारी अख्तर के साथ दो अन्य व्यक्ति मौलाना रमजान और सुभाष जांगीड़ भी थे, जो राजस्थान के नागौर के रहने वाले हैं. एक अन्य आरोपी सोहैब को जोधपुर में हिरासत में लिया गया. पुलिस उसे दिल्ली लेकर आई जहां उसे गिरफ्तार किया गया.
पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई ने अख्तर को तीन साल पहले नियुक्त किया था और फिर बाद में दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग भेज दिया. वह यहां वीजा विभाग में काम करता था, ताकि उसे ऐसे लोग मिल सकें, जिससे वह जासूसी करा सके.
दिल्ली पुलिस ने बताया कि ये लोग हर महीने पहले से तय जगह पर अख्तर से मिलते थे और उसे गोपनीय दस्तावेज सौंपा करते थे. इन सूचनाओं के बदले अख्तर उन्हें 50,000 रुपये तक की भारी रकम दिया करता था. उन्होंने बताया कि इस बार वे लोग दिल्ली के चिड़ियाघर के पास मिले, जहां से उन्हें हिरासत में लिया गया. उनके पास से सीमा पर बीएसएफ और सेना की तैनाती नक्शों से जुड़े दस्तावेज थे. (एजेंसी इनपुट के साथ)
अपराध शाखा के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि फ़रहत को शुक्रवार रात सलीम के आवास से हिरासत में लिया गया और उससे लंबी पूछताछ के बाद शनिवार दोपहर बाद गिरफ्तार कर लिया गया. उन्होंने कहा कि शुरुआती पूछताछ से कुछ खुलासे हुए हैं, जिनमें और जांच की जरूरत है. क्योंकि कई अन्य नाम भी सामने आए हैं.
दिल्ली पुलिस इस मामले से जुड़े उन अन्य लोगों को भी पकड़ने की कोशिश कर रही है, जिनके बारे में उसका मानना है कि वे लोग पाकिस्तान उच्चायोग के कर्मी महमूद अख्तर के करीबी संपर्क में थे. अख्तर को 26 अक्टूबर को गोपनीय दस्तावेज लेते हुए पकड़ा गया था.
पुलिस ने खुफिया जानकारी के आधार पर बुधवार को दिल्ली चिड़ियाघर के पास पाकिस्तान उच्चायोग के अधिकारी अख्तर के साथ दो अन्य व्यक्ति मौलाना रमजान और सुभाष जांगीड़ भी थे, जो राजस्थान के नागौर के रहने वाले हैं. एक अन्य आरोपी सोहैब को जोधपुर में हिरासत में लिया गया. पुलिस उसे दिल्ली लेकर आई जहां उसे गिरफ्तार किया गया.
पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई ने अख्तर को तीन साल पहले नियुक्त किया था और फिर बाद में दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग भेज दिया. वह यहां वीजा विभाग में काम करता था, ताकि उसे ऐसे लोग मिल सकें, जिससे वह जासूसी करा सके.
दिल्ली पुलिस ने बताया कि ये लोग हर महीने पहले से तय जगह पर अख्तर से मिलते थे और उसे गोपनीय दस्तावेज सौंपा करते थे. इन सूचनाओं के बदले अख्तर उन्हें 50,000 रुपये तक की भारी रकम दिया करता था. उन्होंने बताया कि इस बार वे लोग दिल्ली के चिड़ियाघर के पास मिले, जहां से उन्हें हिरासत में लिया गया. उनके पास से सीमा पर बीएसएफ और सेना की तैनाती नक्शों से जुड़े दस्तावेज थे. (एजेंसी इनपुट के साथ)
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं
जासूसी गिरोह, जासूसी कांड, जासूस गिरफ्तार, Spy Arrested, Pak Spy Racket, Espionage Racket, फ़रहत, Farhat, मुनव्वर सलीम, महमूद अख्तर, Mahmood Akhtar