केंद्र सरकार (Central government) ने अंतरिक्ष क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा विदेशी कंपनियों की भागीदारी के लिए प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) के नियमों में छूट देने को लेकर संशोधित नियमों का नोटिफिकेशन जारी किया है. ये नोटिफिकेशन इलेक्ट्रिक व्हीकल कंपनी Tesla के मालिक एलन मस्क (Elon Musk) के पहले भारत दौरे से पहले आया है. मस्क सोमवार (22 अप्रैल) को भारत आ रहे हैं. इस दौरान उनकी पीएम मोदी से मुलाकात होगी. इसके बाद मस्क भारत में टेस्ला के प्लांट के लिए निवेश का ऐलान करेंगे.
संशोधित FDI नीति के तहत अंतरिक्ष क्षेत्र में 100 फीसदी FDI की अनुमति है. संशोधित नीति के तहत विदेशी निवेशकों को स्पेस सेक्टर की भारतीय कंपनियों में निवेश करने के लिए आकर्षित करना है. सरकार ने बताया कि FDI नीति में संशोधन देश में कारोबार में सुगमता बढ़ाएगा, जिससे FDI प्रवाह बढ़ेगा. इस प्रकार यह निवेश, आय और रोजगार में वृद्धि में योगदान देगा. केंद्रीय मंत्रिमंडल (मोदी कैबिनेट) ने इस साल की शुरुआत में इन संशोधनों को मंजूरी दी थी.
नोटिफिकेशन के मुताबिक, सैटेलाइट मैन्युफैक्चरिंग और ऑपरेशन, सैटेलाइट डेटा प्रोडक्ट और ग्राउंड सेगमेंट यूजर सेगमेंट के लिए ऑटोमेटेड रूट के तहत 74 प्रतिशत तक FDI की अनुमति है. 74 प्रतिशत से अधिक ये गतिविधियां गवर्नमेंट एरिया के तहत है. इसके साथ ही एलन मस्क के सैटेलाइट इंटरनेट प्रोजेक्ट स्टारलिंक के लिए मंजूरी को अंतिम रूप दिया जा रहा है.
दूसरी ओर, एलन मस्क भारत की अपनी पहली यात्रा के दौरान देश के उभरते स्पेस टेक्नोलॉजी स्टार्टअप्स से भी मुलाकात करेंगे. सरकार ने स्काईरूट एयरोस्पेस, ध्रुव स्पेस, पियरलाइट और दिगंतारा सहित अन्य कंपनियों को नई दिल्ली में मस्क के साथ चर्चा के लिए बुलाया है. रिपोर्ट के अनुसार, मस्क इन स्टार्टअप्स से बात करके उनके इनोवेशन और ऑफरिंग्स के बारे में जानकारी लेंगे.
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