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This Article is From Dec 13, 2022

एल्गार परिषद-माओवादी कनेक्शन मामला: सुप्रीम कोर्ट ने गौतम नवलखा को नजरबंद रखने की अवधि बढ़ाई

बंबई उच्च न्यायालय ने 26 अप्रैल को उस याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें आग्रह किया गया था कि जेल में चिकित्सा एवं अन्य सुविधाएं पर्याप्त रूप से मौजूद नहीं हैं, इसलिए नवलखा को जेल की जगह घर में नजरबंद रखने का आदेश दिया जाए.

एल्गार परिषद-माओवादी कनेक्शन मामला: सुप्रीम कोर्ट ने गौतम नवलखा को नजरबंद रखने की अवधि बढ़ाई
नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट ने माओवादियों और पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई से संबंध रखने के आरोपी गौतम नवलखा को नजरबंद रखने के अपने अंतरिम आदेश को मंगलवार को जनवरी के दूसरे सप्ताह तक के लिए बढ़ा दिया. न्यायमूर्ति के एम जोसेफ और न्यायमूर्ति बी वी नागरत्ना की पीठ ने कार्यकर्ता नवलखा की नजरबंदी की अवधि बढ़ाने का आदेश पारित किया.

शीर्ष अदालत ने 18 नवंबर को आदेश दिया था कि नवलखा को जेल से रिहा कर 24 घंटे के भीतर नजरबंद किया जाए और उस इमारत में कुछ अतिरिक्त सुरक्षा उपाय किए जाएं, जहां आरोपी को रखा जाना है.

यह आरोप लगाते हुए कि जसलोक अस्पताल द्वारा जारी की गई नवलखा की मेडिकल रिपोर्ट से 'छेड़छाड़' की गई है, राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने कहा था कि जब भी आवश्यक हुआ, आरोपी को उचित उपचार दिया गया और तलोजा केंद्रीय जेल परिसर के भीतर नवलखा की स्वास्थ्य स्थिति प्रबंधनीय है.

बंबई उच्च न्यायालय ने 26 अप्रैल को उस याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें आग्रह किया गया था कि जेल में चिकित्सा एवं अन्य सुविधाएं पर्याप्त रूप से मौजूद नहीं हैं, इसलिए नवलखा को जेल की जगह घर में नजरबंद रखने का आदेश दिया जाए. नवलखा ने इस फैसले के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में अपील की थी.

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