प्रतीकात्मक तस्वीर
नई दिल्ली:
रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने शुक्रवार को कहा कि मुंबई लोकल की तीनों लाइनों पर बोझ कम करने के लिए एलीवेटेड कॉरीडोर बनाये जाने की योजना है जिसके लिए राज्य सरकार से बातचीत की जा रही है.
प्रभु ने राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान पूरक प्रश्नों के उत्तर में कहा कि मुंबई लोकल की तीनों लाइनों वेस्टर्न, सेंट्रल और हार्बर अब ऐसी स्थिति में पहुंच गयी हैं कि वे अब और नया बोझ सहन नहीं कर सकती हैं. इसी बात को ध्यान में रखते हुए सरकार इन लाइनों पर एलीवेटेड कॉरीडोर बनाने जा रही है.
उन्होंने कहा कि एलीवेटेड कॉरीडोर के लिए महाराष्ट्र सरकार के साथ बातचीत की जा रही है. रेल मंत्री ने कहा कि देश में जहां कहीं भी उपनगरीय ट्रेनें चल रही हैं, वहां वे घाटे में चल रही हैं. उन्होंने कहा कि इस घाटे का कारण इन ट्रेनों में चलने वाले यात्रियों का मासिक टिकट है. उन्होंने कहा कि मासिक टिकट में दी जाने वाली रियायत कोई घाटा नहीं बल्कि सब्सिडी है. उन्होंने माना कि मुंबई में बारिश के कारण ट्रेन सेवाओं पर प्रभाव पड़ता है.
उन्होंने कहा कि मुंबई की भौगोलिक स्थिति के कारण यह दो तरफ से समुद्र से घिरा है. इसलिए वर्षा और ज्वार की स्थिति में शहर तथा रेलवे पटरियों पर पानी भर जाता है. प्रभु ने कहा कि मुंबई में रेलवे पटरियों से वर्षा के भरे हुए जल को हटाने के लिए तमाम उपाय किये गये जाते हैं. इनमें राज्य सरकार की मदद से नालों की सफाई भी शामिल है. उन्होंने कहा कि रेलवे पटरियों के दोनों तरफ बसी झुग्गी झोपड़ियों के कारण वर्षा जल निकलने में दिक्कत होती है.
उन्होंने एक अन्य पूरक प्रश्न के जवाब में बताया कि सरकार अब ट्रेन यात्रियों के सोशल मीडिया के संदेशों के माध्यम से मिली शिकायतों को दूर करने के प्रयासों में जुटी है. उन्होंने कहा कि हाल में इसी प्रकार के एक संदेश पर मात्र पन्द्रह मिनट के भीतर एक ट्रेन यात्री को आईसीयू में भर्ती करवा दिया गया.
प्रभु ने कहा कि ट्रेनों में प्रति दिन दो-तीन करोड़ लोग चढ़ते हैं. इतनी बड़ी संख्या में यात्रियों की शिकायतों को दूर करना आसान नहीं है. उन्होंने कहा कि सरकार इस बात का प्रयास कर रही है कि विभिन्न सोशल मीडिया के प्लेटफार्म को समन्वित कर सभी शिकायतों का बेहद कम समय में समाधान किया जा सके.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
प्रभु ने राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान पूरक प्रश्नों के उत्तर में कहा कि मुंबई लोकल की तीनों लाइनों वेस्टर्न, सेंट्रल और हार्बर अब ऐसी स्थिति में पहुंच गयी हैं कि वे अब और नया बोझ सहन नहीं कर सकती हैं. इसी बात को ध्यान में रखते हुए सरकार इन लाइनों पर एलीवेटेड कॉरीडोर बनाने जा रही है.
उन्होंने कहा कि एलीवेटेड कॉरीडोर के लिए महाराष्ट्र सरकार के साथ बातचीत की जा रही है. रेल मंत्री ने कहा कि देश में जहां कहीं भी उपनगरीय ट्रेनें चल रही हैं, वहां वे घाटे में चल रही हैं. उन्होंने कहा कि इस घाटे का कारण इन ट्रेनों में चलने वाले यात्रियों का मासिक टिकट है. उन्होंने कहा कि मासिक टिकट में दी जाने वाली रियायत कोई घाटा नहीं बल्कि सब्सिडी है. उन्होंने माना कि मुंबई में बारिश के कारण ट्रेन सेवाओं पर प्रभाव पड़ता है.
उन्होंने कहा कि मुंबई की भौगोलिक स्थिति के कारण यह दो तरफ से समुद्र से घिरा है. इसलिए वर्षा और ज्वार की स्थिति में शहर तथा रेलवे पटरियों पर पानी भर जाता है. प्रभु ने कहा कि मुंबई में रेलवे पटरियों से वर्षा के भरे हुए जल को हटाने के लिए तमाम उपाय किये गये जाते हैं. इनमें राज्य सरकार की मदद से नालों की सफाई भी शामिल है. उन्होंने कहा कि रेलवे पटरियों के दोनों तरफ बसी झुग्गी झोपड़ियों के कारण वर्षा जल निकलने में दिक्कत होती है.
उन्होंने एक अन्य पूरक प्रश्न के जवाब में बताया कि सरकार अब ट्रेन यात्रियों के सोशल मीडिया के संदेशों के माध्यम से मिली शिकायतों को दूर करने के प्रयासों में जुटी है. उन्होंने कहा कि हाल में इसी प्रकार के एक संदेश पर मात्र पन्द्रह मिनट के भीतर एक ट्रेन यात्री को आईसीयू में भर्ती करवा दिया गया.
प्रभु ने कहा कि ट्रेनों में प्रति दिन दो-तीन करोड़ लोग चढ़ते हैं. इतनी बड़ी संख्या में यात्रियों की शिकायतों को दूर करना आसान नहीं है. उन्होंने कहा कि सरकार इस बात का प्रयास कर रही है कि विभिन्न सोशल मीडिया के प्लेटफार्म को समन्वित कर सभी शिकायतों का बेहद कम समय में समाधान किया जा सके.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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