चुनावी बॉन्ड (Electoral Bonds) मामले में सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों का संविधान पीठ शुक्रवार को सुनवाई करेगा. चुनाव आयोग (Election Commission of India) ने इस मामले में अर्जी दाखिल की है और सुप्रीम कोर्ट के 11 मार्च के आदेश में संशोधन की मांग की है. चुनाव आयोग ने आदेश के ऑपरेटिव भाग में कुछ स्पष्टीकरण/संशोधन की मांग की है. आवेदन में दिनांक 12.04.2019 और 02.11.2023 के आदेशों के अनुसार भारत के चुनाव आयोग द्वारा सुप्रीम कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत दस्तावेजों / डेटा / जानकारी को सीलबंद लिफाफे / बक्सों में जारी करने के लिए निर्देश देने की भी मांग की गई है.
यह आदेश दिया था सुप्रीम कोर्ट ने
चुनावी बॉन्ड मामले में सुप्रीम कोर्ट ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) की याचिका खारिज करते हुए 12 मार्च तक ब्योरा देने के निर्देश दिए थे. साथ ही EC को 15 मार्च तक ये ब्योरा पब्लिश करने के निर्देश दिया था. कोर्ट ने SBI CMD को ब्योरा जारी कर हलफनामा दाखिल करने को कहा था. इसके बाद SBI ने चुनावी बॉन्ड को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दाखिल किया. हलफनामा SBI के चेयरमैन दिनेश कुमार खारा की तरफ से दाखिल किया गया है. इस हलफनामे में कहा गया है कि बैंक ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा 12 मार्च को दिए गए आदेश का पालन कर दिया है.
चुनाव आयोग ने भी डाटा अपलोड किया
उधर, चुनाव आयोग ने इलेक्टोरल बॉन्ड मामले में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) से मिला डेटा गुरुवार को अपनी वेबसाइट पर अपलोड कर दिया है. चुनाव आयोग की वेबसाइट में 763 पेजों की दो लिस्ट डाली गई है. एक लिस्ट में इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदने वालों की डिटेल है. दूसरी लिस्ट में राजनीतिक पार्टियों को मिले बॉन्ड का ब्यौरा है. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने SBI को मंगलवार शाम तक इलेक्टोरल बॉन्ड का पूरा डेटा सौंपने को कहा था.
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