चार राज्यों में रविवार को आने वाले चुनावों के नतीजों पर विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया' की करीबी नजर है क्योंकि कांग्रेस के प्रदर्शन का असर विपक्षी गठबंधन के समीकरण पर पड़ने की संभावना है. चुनावी नतीजों के बाद विपक्षी गठबंधन अब अगले साल के आम चुनावों में भाजपा से मुकाबला करने की तैयारियों में तेजी लाएगा.
तृणमूल कांग्रेस (TMC), आम आदमी पार्टी (AAP) और समाजवादी पार्टी सहित कुछ दल सीट-बंटवारे पर जल्द बातचीत करने के इच्छुक थे लेकिन कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव के नतीजे आने तक विचार-विमर्श को टाल दिया था.
सूत्रों ने कहा कि सीट बंटवारे में अधिक सौदेबाजी की शक्ति चाह रही कांग्रेस की ओर से जानबूझकर यह कोशिश की गई क्योंकि उसे इन चुनावों में पार्टी के अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद थी.
उन्होंने कहा कि रविवार को नतीजे आने के साथ, मतभेदों को दूर करने, सीट-बंटवारे पर बातचीत करने और 2024 में भाजपा को हराने के लिए एकजुट होकर आगे बढ़ने के लिए क्षेत्रीय खिलाड़ियों के साथ आगे की बातचीत पर ध्यान देने के साथ व्यस्तता भरी राजनीतिक गतिविधियां जल्द ही शुरू हो जाएंगी.
विपक्षी दलों के नेताओं ने पहले ही कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से आग्रह किया है कि वे मतभेदों को दूर करते हुए भाजपा को हराने के लिए ‘इंडिया' गठबंधन को मजबूत करने के वास्ते सभी को एक साथ लेकर आगे बढ़ें.
मुंबई में अगस्त के अंत में हुई विपक्षी गठबंधन की पिछली बैठक में क्षेत्रीय दलों की सीटों की साझेदारी पर शीघ्र बातचीत की इच्छा थी. इस मुद्दे पर पार्टी के भीतर चर्चा के बाद कांग्रेस नेतृत्व ने तत्काल बातचीत नहीं करने का फैसला किया था.
सूत्रों ने कहा कि सितंबर में हैदराबाद में कांग्रेस कार्य समिति (CWC) की बैठक में विचार-विमर्श के दौरान कई नेताओं ने तर्क दिया कि कांग्रेस को क्षेत्रीय दलों के साथ सीट-बंटवारे पर जल्दबाजी में बातचीत नहीं करनी चाहिए और पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में पार्टी के अच्छे प्रदर्शन के बाद मजबूत स्थिति से चर्चा करनी चाहिए.
इन चुनावों में कांग्रेस को फायदा होने की उम्मीद है. एग्जिट पोल में पार्टी के छत्तीसगढ़ और तेलंगाना में आगे रहने और मध्य प्रदेश में कड़ी टक्कर की भविष्यवाणी की गई है.
कांग्रेस नेताओं का तर्क है कि 26 दलों का विपक्षी गठबंधन (इंडिया) केवल लोकसभा चुनावों के लिए है. क्षेत्रीय दलों के नेताओं ने हालांकि इन विधानसभा चुनावों के दौरान कुछ नाराजगी दिखाई, जहां सीट बंटवारे में उनकी अनदेखी की गई.
कांग्रेस का कहना है कि छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान में मुकाबला मुख्य रूप से कांग्रेस और भाजपा के बीच है जबकि तेलंगाना में भी वह बीआरएस के खिलाफ मुख्य मुकाबले में है.
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