निर्वाचन आयोग ने शुक्रवार को उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश और भाजपा के लोकसभा उम्मीदवार अभिजीत गंगोपाध्याय को बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ उनकी “अनुचित और अशोभनीय” टिप्पणी के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया है. हल्दिया में 15 मई को आयोजित एक सभा को संबोधित करते समय बनर्जी के खिलाफ की गई टिप्पणी के लिए गंगोपाध्याय के खिलाफ तृणमूल कांग्रेस की शिकायत पर निर्वाचन आयोग ने कार्रवाई की है.
बीजेपी ने गंगोपाध्याय को पश्चिम बंगाल की तमलुक सीट से मैदान में उतारा है, जहां 25 मई को मतदान होगा. निर्वाचन आयोग ने अपने नोटिस में कहा कि गंगोपाध्याय की टिप्पणी “अनुचित, विवेकहीन, हर मायने में गरिमा से परे, अपमानजनक” और प्रथम दृष्टया आदर्श आचार संहिता के प्रावधानों और राजनीतिक दलों को दिए गए परामर्श का उल्लंघन करने वाली पाई गई है. निर्वाचन आयोग ने 20 मई को शाम पांच बजे तक नोटिस पर जवाब मांगा है.
पश्चिम बंगाल के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को लिखे पत्र में टीएमसी नेता डेरेक ओब्रायन ने कहा था कि उक्त भाषण में गंगोपाध्याय ने कुछ बेहद आपत्तिजनक बातें कही हैं.
पत्र में कहा गया है, 'यह स्पष्ट रूप से बीजेपी उम्मीदवार के महिला विरोधी आचरण को दर्शाता है. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि न्यायपालिका में प्रमुख पद पर रहने के बावजूद वह महिलाओं की गरिमा पर हमला कर रहे हैं, खासकर एक ऐसी महिला पर जो सत्ता में है.'
एक वायरल वीडियो में गंगोपाध्याय यह कहते सुने जा सकते हैं, 'मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को किस कीमत पर बेचा जा रहा है.' इसे लेकर विवाद खड़ा हो गया और टीएमसी ने इसे ‘‘महिलाओं का अपमान करने की भाजपा की गारंटी'' करार दिया, जबकि भाजपा ने वीडियो की प्रामाणिकता पर संदेह जताया था.
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