निर्वाचन आयोग ने शुक्रवार को कहा कि यह प्रत्येक चरण के मतदान के बाद समय पर मतदान प्रतिशत के आंकड़ों को जारी करने को ‘‘उचित महत्व'' देता है. निर्वाचन आयोग का यह बयान, मतदान प्रतिशत जारी करने में इसके देर करने और विसंगतियों के विपक्ष के आरोपों के बीच आया है.
वाम दल, तृणमूल कांग्रेस और कांग्रेस सहित विपक्षी पार्टियों ने दावा किया था कि निर्वाचन आयोग मतदान के आंकड़े को जानबूझ कर साझा नहीं कर रहा और 19 अप्रैल को हुए प्रथम चरण के मतदान के बाद आंकड़े साझा करने में देरी की गई.
आयोग के बयान में कहा गया है, ‘‘निर्वाचन आयोग के कामकाज में पारदर्शिता एक स्थापित परंपरा है. वैधानिक आवश्यकताओं के अनुसार, प्रत्येक मतदान केंद्र पर मतदान प्रतिशत को फॉर्म 17 सी में पूर्ण संख्या में दर्ज करना है. पारदर्शिता के एक मजबूत उपाय के रूप में, निर्वाचन अधिकारी और सभी उपस्थित मतदान एजेंट द्वारा विधिवत हस्ताक्षरित फॉर्म 17 सी की प्रतियां सभी उपस्थित मतदान एजेंट के साथ साझा की जाती हैं.''
आयोग ने कहा, ‘‘...यहां तक कि डाले गए मतों की वास्तविक संख्या का बूथ-वार आंकड़ा भी उम्मीदवारों के पास उपलब्ध है, जो एक वैधानिक आवश्यकता है.''
अन्य हितधारकों और मीडिया को जानकारी सार्वजनिक करने की पहल के तहत राज्य, संसदीय क्षेत्र और विधानसभा क्षेत्रवार अस्थायी मतदान आंकड़े आयोग के ‘वोटर टर्नआउट' ऐप के माध्यम से उपलब्ध कराए जाते हैं, जिन्हें नियमित रूप से अद्यतन किया जाता है.
बयान के अनुसार, ‘‘आयोग समय पर मतदान प्रतिशत के आंकड़े उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है जो आगामी चरणों में मीडिया और अन्य हितधारकों के लिए उपयोगी हो.''
निर्वाचन आयोग ने मंगलवार को कहा था कि मौजूदा लोकसभा चुनाव के पहले चरण में 66.14 प्रतिशत और दूसरे चरण में 66.71 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया. कांग्रेस, माकपा और तृणमूल कांग्रेस ने निर्वाचन आयोग द्वारा लोकसभा चुनाव के पहले और दूसरे चरण के मतदान के अंतिम आंकड़े जारी करने में देरी को लेकर उस दिन सवाल उठाया था.
दूसरे चरण का मतदान 26 अप्रैल को हुआ था. कांग्रेस ने कहा था कि पहली बार, प्रथम चरण के मतदान के 11 दिन बाद और दूसरे चरण के चार दिन बाद भी आयोग द्वारा अंतिम मतदान प्रतिशत प्रकाशित नहीं किया गया है.
वहीं, आधिकारिक तौर पर मतदान का आंकड़ा साझा करते हुए, आयोग ने कहा था कि चुनाव के पहले चरण में, 66.22 प्रतिशत पुरुष और 66.07 महिला मतदाताओं ने मतदान किया. वहीं तृतीय लिंग के 31.32 प्रतिशत मतदाताओं ने मतदान किया.
वर्ष 2019 के चुनाव में पहले चरण में 69.43 प्रतिशत मतदान हुआ था. मौजूदा चुनाव के तहत, 26 अप्रैल को हुए दूसरे चरण के मतदान में पुरुषों का मतदान प्रतिशत 66.99 दर्ज किया गया, जबकि महिलाओं का 66.42 प्रतिशत रहा. जबकि 23.86 प्रतिशत तृतीय लिंग मतदाताओं ने वोट डाले.
पिछले लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में 69.64 प्रतिशत मतदान हुआ था. मौजूदा आम चुनाव के पहले चरण में 102 सीट पर, जबकि दूसरे चरण में 88 सीट पर मतदान हुआ.
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