दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने छत्रसाल स्टेडियम में रखे गए स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम के दौरान देशवासियों को बधाई दी. सीएम ने कहा कि देख रहा हूं पिछले कुछ दिनों से जिस तरह से देशभर में ज़बरदस्त उल्लास, हर्ष है, चारों तरफ देश भक्ति का जुनून है. यह समय है उन शहीदों को याद करने का उन लोगों को याद करने का जिन्होंने देश को आजाद कराने के लिए अपनी जान न्योछावर की है. बाबा साहब आम्बेडकर, भगत सिंह, जवाहरलाल नेहरू, महात्मा गांधी अशफाक उल्ला खान, चंद्रशेखर आजाद और जाने कितने ही ऐसे लोग हैं, जिनके बारे में हम जानते भी नहीं लेकिन उन्होंने देश के लिए आज़ाद की लड़ाई लड़ी है. आज इस मंच से आजादी के 75 साल के उपलक्ष में उन सभी स्वतंत्रता सेनानियों को याद करता हूं और नमन करता हूं.
अरविंद केजरीवाल ने आगे कहा कि तरक्की को सेलिब्रेट करने का समय है. लेकिन इसी मौके पर यह भी सोचने का वक्त है कि आज देश के सामने क्या चुनौतियां और भविष्य में हमें किस दिशा में जाना है. 75 साल किसी भी देश के जीवन में कोई बहुत बड़ा समय नहीं होता. लेकिन बहुत कम समय भी नहीं होता है. आज आजादी के 75 साल होने पर कई लोगों के मन में प्रश्न आ रहे हैं कि हम 75 साल पहले आजाद हुए तो इन 75 सालों में जो देश हमसे बाद में आजाद हुए वह मुझसे आगे क्यों निकल गए? सिंगापुर हमसे 15 साल बाद आजाद हुआ लेकिन हम से आगे क्यों निकल गया?
जापान दूसरे विश्वयुद्ध में पूरी तरह से ध्वस्त हो गया था, खत्म हो गया था लेकिन आज देखिए. जर्मनी खत्म हो गया था लेकिन आज जर्मनी हम से आगे निकल गया. भारत के लोग कुछ कम है क्या? भारत के लोग सबसे मेहनती और अच्छे लोग हैं फिर भारत पीछे क्यों रह गया? भगवान ने हम लोगों को सब कुछ दिया है. भगवान ने जब पृथ्वी बनाई तो सबसे खूबसूरत भारत को बनाया. जब इंसान को बनाया तो सबसे इंटेलीजेंट भारतीय को बनाया. दुनिया के जो अमीर देश हैं उन्होंने 2 काम ज़रूर किये है. पहला- हर अमीर देश ने अपने बच्चों की अच्छी शिक्षा का इंतज़ाम किया. अगर भारत को अमीर बनना है तो अपने सभी बच्चों की अच्छी पढ़ाई का इंतजाम करना होगा. दूसरा- सब अमीर देशों ने अपने लोगों के अच्छे इलाज का इंतज़ाम किया. जब भारत मां का हर बच्चा अच्छी शिक्षा पाएगा तभी अमर तिरंगा जान से आसमान में शान से लहराएगा.
सीएम ने अपने संबोधन में आगे कहा कि जब भारत के हर बंदे को अच्छा इलाज मिल पाएगा तभी अमर तिरंगा आसमान में शान से लहराएगा. आज हमारे देश में रोज 27 करोड़ बच्चे स्कूल में पढ़ने जाते हैं. 10 करोड़ प्राइवेट स्कूल में, 17 करोड़ सरकारी में. बहुत सारे सरकारी स्कूलों का देश में बहुत बुरा हाल है, कुछ सरकारी अच्छे भी हैं. क्या एक ड्राइवर अपने बच्चे को सरकारी स्कूल में भेजता है तो क्या उसका बच्चा डॉक्टर इंजीनियर बन सकता है? दिल्ली में देख सकते हैं. आज दिल्ली में एक गरीब आदमी का बच्चा डॉक्टर इंजीनियर वकील बनने का ख्वाब देख सकता है. दिल्ली में शिक्षा क्रांति आई है. आज 12वी के बाद कुशाल गर्ग का एडमिशन AIIMS में हुआ है, उसके पिताजी 10-12 हज़ार कमाते हैं कारपेंटर हैं. वो बच्चा अपने परिवार को आगे लेकर जाएगा. एक बच्चा है सौमित गौर, पिताजी प्लम्बर हैं, IIT में एडमिशन हुआ है. जब 2015 में दिल्ली में हमारी सरकार बनी थी तब दिल्ली में सरकारी स्कूल का भी यही हाल था. पढ़ाई नहीं होती थी इन्फ्राट्रक्चर बहुत खराब था और गंदगी था. चारों तरफ से निराशा ही निराशा थी. पेरेंट्स, टीचर और बच्चों में निराशा थी.
मैंने मनीष जी को बुलाया और उनको कहा कि प्लान बनाइए और सबसे ज्यादा तवज्जो हमने शिक्षा को देनी है. आप बताओ कितना पैसा चाहिए. इसके बाद हमने अपने बजट का 25% शिक्षा को दिया. आज दिल्ली के अंदर शिक्षा का यह आलम बीते साल दिल्ली सरकार के स्कूलों के 99.9% नतीजे आये. 4 लाख बच्चे प्राइवेट स्कूल से नाम कटवा कर सरकारी स्कूल में आए. अमेरिका के राष्ट्रपति जब भारत आए उनकी पत्नी दिल्ली सरकार का स्कूल देखने के लिए आई.
आज दिल्ली के सरकारी स्कूलों में ग़ज़ब पॉजिटिव एनर्जी है और 18 लाख बच्चे दिल्ली के सरकारी स्कूल में पढ़ते हैं. यह कारनामा केजरीवाल या मनीष सिसोदिया ने नहीं किया यह किया हमारे बच्चों पैरेंट्स और टीचर्स ने इन सबको बहुत-बहुत धन्यवाद. यह करिश्मा पूरे देश में हो सकता है. आज देश में सरकारी स्कूलों में तो 17 करोड़ बच्चे पढ़ रहे हैं उनके भविष्य में कुछ नहीं पता उनका भविष्य अंधकार में है.
जैसा दिल्ली ने करके दिखाया वैसा देश में भी हो सकता है. 130 करोड़ लोगों को संकल्प लेना होगा कि अपने देश को दुनिया का नंबर वन देश बनाना है. अगर यह संकल्प लेते हैं तो अगला संकल्प ले लेना होगा देश के हर बच्चे के लिए अच्छी और फ्री शिक्षा का इंतजाम करना होगा. देश मे सरकारी स्कूल भी है बच्चे भी हैं टीचर भी हैं लेकिन बस सिस्टम खराब है.
सीएम ने कहा कि जैसे 5 साल में दिल्ली में सरकारी स्कूल ठीक हुए है वैसे देश मे भी हो सकता है लेकिन शर्त यह है कि इस बात का संकल्प लेना होगा कि शिक्षा को सबसे ज्यादा तवज्जो देनी होगी. हमने दिल्ली में 11वीं और 12वीं क्लास में बच्चों को बिज़नेस करना सिखाया. उनको 2000 रुपये प्रति बच्चा दिए और कहा कि कुछ बिजनेस करने की सोचो. उदाहरण के तौर पर 10 बच्चों ने मिलकर जब यह देखा कि हमारी कॉलोनी में चोरी बहुत हो रही और उन्होंने एक कंपनी बनाई डिजिटल सुरक्षा.
उन्होंने एक अलार्म बनाया कि अगर कोई चोर आएगा तो अलार्म बज जाएगा फोन चला जाएगा और चोर पकड़ा जाएगा. इनका प्रोडक्ट खूब बिका. एक दूसरे उदाहरण में 4 बच्चों ने मिलकर एक चॉकलेट बनाई और अभी तक डेढ़ लाख रुपए की चॉकलेट बेच चुके हैं. आज दिल्ली सरकार के ग्यारहवीं बारहवीं के बच्चों से बात करो एक भी यह नहीं कहेगा कि मैं स्कूल से निकल कर नौकरी करूंगा बल्कि वह कहेंगे कि हम बिजनेस करेंगे.
शिक्षा को फ्री बी मत कहिए
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि शिक्षा को फ्री बी मत कहिए. माँ-बाप अपने बच्चे को फ्री बी नहीं देते हैं. ये हमारे बच्चे हैं, पैसे की कमी है तो एक वक़्त की रोटी कम खा लेंगे लेकिन बच्चों को फ्री और अच्छी शिक्षा देंगे. 39 देश फ्री शिक्षा देते हैं, सिर्फ शिक्षा से एक पीढ़ी में भारत अमीर देश हो जायेगा.
लोगों को अच्छा इलाज देना फ्री की रेवड़ी नहीं है. लोगों को इलाज के लिए जेवर और जमीन बेचने पड़ते हैं. हमें प्रण लेना होगा कि 130 करोड़ में से कोई बीमार हो तो सब मिलकर उसका इलाज कराएंगे. सभी अमीर देशों में लोगों का इलाज फ्री है, हमें इंश्योरेंस की ज़रूरत नहीं, अस्पताल की ज़रूरत है.
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