विज्ञापन
This Article is From Mar 31, 2024

शिक्षित मतदाता लोकप्रिय नेताओं से दूर रहते हैं, लेकिन मोदी के मामले में ऐसा नहीं: द इकोनॉमिस्ट

‘द इकोनॉमिस्ट’ ने साथ ही कहा कि शिक्षित लोगों के बीच मोदी की सफलता अन्य समूहों के बीच समर्थन की कीमत पर नहीं आती है. सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च के राजनीतिक वैज्ञानिक नीलांजन सरकार के हवाले से कहा गया कि अन्य लोकप्रिय नेताओं की तरह, उनकी सबसे बड़ी पैठ निम्न वर्ग के मतदाताओं के बीच बनी है.

शिक्षित मतदाता लोकप्रिय नेताओं से दूर रहते हैं, लेकिन मोदी के मामले में ऐसा नहीं: द इकोनॉमिस्ट
नई दिल्ली:

अंतरराष्ट्रीय प्रकाशन ‘द इकोनॉमिस्ट' ने कहा है कि आमतौर पर संभ्रांत लोग विश्व स्तर पर लोकप्रिय नेताओं को नापसंद करते हैं, लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मामले में ऐसा नहीं है और उनके लिए शिक्षित मतदाताओं के बीच समर्थन बढ़ता दिख रहा है.

'भारत के कुलीन लोग नरेन्द्र मोदी का समर्थन क्यों करते हैं' शीर्षक वाले एक लेख में प्रकाशन ने कहा, 'तीन कारक - वर्ग राजनीति, अर्थव्यवस्था, और मजबूत व्यक्ति के शासन के लिए अभिजात्य वर्ग की प्रशंसा-यह समझाने में मदद करते हैं कि ऐसा क्यों है.'

इसे 'मोदी विरोधाभास' करार देते हुए ‘द इकोनॉमिस्ट' ने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री को अकसर डोनाल्ड ट्रंप जैसे दक्षिणपंथी लोकप्रिय लोगों के साथ जोड़ा जाता है, लेकिन मोदी कोई साधारण मजबूत व्यक्ति नहीं हैं, जिनके तीसरी बार जीतने की उम्मीद है.

इसमें उल्लेख किया गया, 'ज्यादातर जगहों पर, ट्रंप जैसे संस्थान विरोधी लोकप्रिय लोगों के लिए समर्थन और ब्रेक्जिट जैसी नीतियों का विश्वविद्यालय शिक्षा के साथ विपरीत संबंध होता है. भारत में नहीं. इसे मोदी विरोधाभास कहें. इससे यह समझाने में मदद मिलती है कि वह आज किसी प्रमुख लोकतंत्र के सबसे लोकप्रिय नेता क्यों हैं.''

गैलप सर्वेक्षण का हवाला देते हुए, इसमें कहा गया कि अमेरिका में विश्वविद्यालय शिक्षा वाले केवल 26 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने ट्रंप को मंजूरी दी, जबकि इससे कम शिक्षा रखने वाले लोगों में 50 प्रतिशत ने उनका समर्थन किया. लेकिन मोदी ने इस रुझान को तोड़ा है.

लेख में प्यू रिसर्च सर्वेक्षण का हवाला देते हुए कहा गया कि प्राथमिक विद्यालय स्तर से अधिक शिक्षा अर्जित न करने वाले 66 प्रतिशत भारतीयों ने 2017 में मोदी के बारे में 'बहुत अनुकूल' राय व्यक्त की, लेकिन इससे ऊपर की शिक्षा प्राप्त करने वाले 80 प्रतिशत लोगों ने उन्हें अपनी पसंद बताया.

साल 2019 के आम चुनाव के बाद, लोकनीति के एक सर्वेक्षण में पाया गया कि डिग्री धारक लगभग 42 प्रतिशत भारतीयों ने मोदी की भारतीय जनता पार्टी का समर्थन किया, जबकि केवल प्राथमिक-स्कूल स्तर की शिक्षा प्राप्त करने वाले लगभग 35 प्रतिशत लोगों ने ऐसा किया.

‘द इकोनॉमिस्ट' ने साथ ही कहा कि शिक्षित लोगों के बीच मोदी की सफलता अन्य समूहों के बीच समर्थन की कीमत पर नहीं आती है. सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च के राजनीतिक वैज्ञानिक नीलांजन सरकार के हवाले से कहा गया कि अन्य लोकप्रिय नेताओं की तरह, उनकी सबसे बड़ी पैठ निम्न वर्ग के मतदाताओं के बीच बनी है.

अर्थव्यवस्था को एक प्रमुख कारक के रूप में उद्धृत करते हुए लेख में कहा गया कि भारत की मजबूत जीडीपी वृद्धि असमान रूप से वितरित होने के बावजूद भारतीय उच्च-मध्यम वर्ग के आकार और धन में तेजी से वृद्धि कर रही है.

इसमें कहा गया कि 2000 के दशक के उत्तरार्ध में कांग्रेस को उच्च-मध्यम वर्ग के बीच मजबूत समर्थन प्राप्त था लेकिन 2010 के दशक में मंदी और भ्रष्टाचार रूपी घोटालों की श्रृंखला ने चीजों को बदल दिया.

लेख में कहा गया, 'लेकिन मोदी के कार्यकाल ने दुनिया में भारत की आर्थिक और भू-राजनीतिक स्थिति में इजाफा किया है.'

इसके अनुसार, साथ ही, कुछ लोग सोचते हैं कि मजबूत व्यक्ति के शासन की वास्तव में भारत को आवश्यकता है. उन्होंने चीन तथा पूर्वी एशिया संबंधी स्थिति की ओर इशारा किया जिनके अनुभव से उन्हें लगता है कि मजबूत शासन आर्थिक विकास की बाधाओं को दूर कर सकता है.

इसमें कहा गया कि संभ्रांत लोगों को लगता है कि मोदी के लिए उनका समर्थन तब तक जारी रहेगा जब तक कोई विश्वसनीय विकल्प सामने नहीं आता.

लेख के अनुसार, अधिकांश संभ्रांत लोगों ने कांग्रेस और इसके नेता राहुल गांधी पर विश्वास खो दिया है, जिन्हें वंशवादी और पहुंच से बाहर माना जाता है.

इसमें कांग्रेस के एक अनाम वरिष्ठ नेता के हवाले से कहा गया कि मोदी ने कल्याणकारी भुगतान को डिजिटल रूप से वितरित करने जैसे 'हमारे सर्वोत्तम विचारों को अपनाया है' और उनकी पार्टी की तुलना में 'उन्हें बेहतर ढंग से क्रियान्वित' किया है.

लेख इस निष्कर्ष के साथ समाप्त हुआ कि 'एक मजबूत विपक्ष शायद एकमात्र ऐसी चीज है जो भारत के अभिजात्य वर्ग को मोदी को छोड़ने के लिए प्रेरित करेगा. लेकिन फिलहाल, ऐसा कहीं नहीं दिख रहा है.'
 

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com