तृणमूल कांग्रेस की नेता और पूर्व सांसद महुआ मोइत्रा की मुश्किलें बढ़ती जा रही है. प्रवर्तन निदेशालय ने FEMA(Foreign Exchange Management Act) से जुड़े एक मामले में उन्हें पूछताछ के लिए तलब किया है. जांच एजेंसी ने महुआ मोइत्रा को सोमवार को नई दिल्ली में एजेंसी के कार्यालय में उपस्थित होने के लिए तलब किया है. पूछताछ के लिए 19 फरवरी की तिथि तय की गयी है. मोइत्रा को कारोबारी दर्शन हीरानंदानी से कथित तौर पर कीमती तोहफे लेने और उनके साथ संसद की वेबसाइट की ‘यूजर आईडी और पासवर्ड' शेयर करने के आरोप में पिछले साल आठ दिसंबर को ‘अनैतिक आचरण' का दोषी ठहराया गया था और लोकसभा से निष्कासित कर दिया गया था.
महुआ मोइत्रा की क्यों बढ़ती जा रही है मुश्किलें?
एथिक्स कमिटी ने अपनी रिपोर्ट में महुआ मोइत्रा की सांसदी रद्द करने के साथ ही इस पूरे मामले की कानूनी जांच कराने की सिफारिश की है. महुआ मोइत्रा के फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन के आपराधिक पहलुओं की जांच केंद्रीय एजेंसियों के जरिए करवाने की बात कही गयी थी. फिर सबूतों के आधार पर चार्जशीट फाइल होने पर अदालत में मुकदमा चलने की बात कही गयी थी. क्रिमिनल केस में दोषी पाए जाने पर महुआ मोइत्रा को जेल हो सकती है.
दिल्ली का सरकारी आवास भी करना पड़ा था खाली
लोकसभा सदस्यता खत्म होने के बाद महुआ को दो बार सरकारी बंगला खाली करने के लिए कहा गया था, लेकिन उन्होंने इस पर ध्यान नहीं दिया. तीसरी बार उन्हें तुरंत बंगला खाली करने का नोटिस भेजा गया था. बाद में उन्होंने इसके खिलाफ अदालत का दरवाजा भी खटखटाया था. जिसके बाद उन्होंने बंगला खाली कर दिया था.
महुआ मोइत्रा के वकीलों ने तर्क दिया था कि टीएमसी नेता लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार हैं. सांसदों को आम चुनाव से पहले संसद सत्र के आखिरी दिन से लेकर नतीजों के दिन तक अपने घरों में रहने की अनुमति है, महुआ को उम्मीदवार के रूप में नामित किया गया है, इसलिए यह उन पर भी यह लागू होना चाहिए.
क्या दोबारा चुनाव लड़ पाएंगी महुआ?
आपराधिक मामलों की जांच और केस चलने तक महुआ चुनाव लड़ सकती हैं. लेकिन आपराधिक मामले में अगर महुआ मोइत्रा को 2 साल या 2 साल से ज्यादा सजा मिलती है, तो उनके चुनाव लड़ने पर रोक लग सकती है. हालांकि, क्रिमिनल केस के ट्रायल और सजा होने में वक्त लगता है. हालांकि, लोकसभा चुनाव 2024 होने में 6 महीने से कम का समय बचा है. ऐसे में जनता के बीच जाने से पहले खुद को साफ-पाक साबित करने के लिए महुआ के पास वक्त भी कम बचा है.
महुआ मोइत्रा ने सांसदी जाने के बाद क्या कहा था?
लोकसभा से निष्कासित होने पर महुआ मोइत्रा ने कहा था कि मुझे उस आचार संहिता के उल्लंघन का दोषी पाया गया है, जो अस्तित्व में ही नहीं है. एथिक्स कमिटी मुझे उस बात की सजा दे रही है, जो लोकसभा में सामान्य और स्वीकृत है. साथ ही जिसे प्रोत्साहित किया गया है.
एथिक्स कमिटी ने 9 नवंबर को दी थी रिपोर्ट
बीजेपी सांसद विनोद कुमार सोनकर की अध्यक्षता वाली एथिक्स कमिटी ने 9 नवंबर को बैठक में मोइत्रा को ‘पैसे लेकर सदन में सवाल पूछने' के आरोपों में लोकसभा से निष्कासित करने की सिफारिश वाली रिपोर्ट को स्वीकार किया था. समिति के 6 सदस्यों ने रिपोर्ट के पक्ष में मतदान किया था. इनमें कांग्रेस से निलंबित सांसद परणीत कौर भी शामिल थीं. समिति के चार विपक्षी सदस्यों ने रिपोर्ट पर असहमति नोट दिए थे.
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