महाराष्ट्र में जारी सियासी संकट के बीच शिवसेना सांसद संजय राउत को बड़ा झटका लगा है. शिंदे गुट पर लगातार निशाना साध रहे शिवसेना सांसद को सोमवार को प्रवर्तन निदेशालय ने समन भेजा है और कल पेश होने को कहा है. ईडी की ओर मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ के लिए बुलाया है. बता दें कि महाराष्ट्र सरकार के मंत्री नवाब मलिक और पूर्व मंत्री अनिल देशमुख पहले से ही मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में हिरासत में हैं. अब सियासी उठापटक के बीच संजय राउत को समन किया गया है.
बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय ( ED) ने अप्रैल में शिवसेना नेता की अलीबाग की जमीन और दादर का फ्लैट कुर्क करने का नोटिस दिया था. ED का दावा है कि गोरेगांव में पतरा चॉल पुनर्वसन प्रोजेक्ट में बिल्डर ने अनियमितता कर तकरीबन 1,039 करोड़ कमाए और उसी पैसे में से 55 लाख रुपये गुरु आशीष कंपनी के एक डायरेक्टर प्रवीण राउत ने संजय राउत की पत्नी को दिए, जिससे संपत्ति खरीदी गई. अब इसी मामले में पूछताछ के लिए उन्हें बुलाया गया है.
शिवसेना सांसद संजय राउत पर ED की कार्रवाई में क्या है पतरा चॉल कनेक्शन?
गौरतलब है कि शिवसेना पर नियंत्रण को लेकर उद्धव ठाकरे और बागी विधायक एकनाथ शिंदे के दरम्यान जारी खींचतान के बीच पार्टी के नेता संजय राउत ने शनिवार को बागी विधायकों को विधानसभा की सदस्यता छोड़कर नए सिरे से चुनाव का सामना करने की चुनौती दी थी. साथ ही उन्होंने यह भी कहा था कि जो वापस आना चाहते हैं, उनके लिए पार्टी के द्वार खुले हैं. उन्होंने आशा व्यक्ति की शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस की महाविकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार वर्तमान संकट से बाहर निकल जाएगी.
राउत ने पत्रकारों से कहा था, ''विद्रोहियों को मेरी खुली चुनौती है कि वे इस्तीफा दें और अपने मतदाताओं से नए सिरे से जनादेश मांगें. अतीत में, छगन भुजबल, नारायण राणे और उनके समर्थकों ने अन्य दलों में शामिल होने के लिए शिवसेना विधायक के रूप में इस्तीफा दे दिया था. यहां तक कि मध्य प्रदेश में (केंद्रीय मंत्री) ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थकों ने (मार्च 2020 में) कांग्रेस विधायकों के रूप में इस्तीफा दे दिया था.''
उन्होंने कहा था कि शिवसेना के नेता और कार्यकर्ता तैयार हैं और नेतृत्व के संकेत का इंतजार कर रहे हैं. उन्होंने संकेत दिया कि पार्टी विद्रोहियों से निपटने के लिए तैयार है. इससे पहले, उन्होंने ट्वीट कर कहा था कि आखिर कब तक वे (विधायक) असम के गुवाहाटी में ‘‘छिपे'' रहेंगे, आखिरकार उन्हें ‘‘चौपाटी'' (मुंबई के संदर्भ में) आना ही होगा.
शिवसेना सांसद राउत ने ट्वीट किया था, ‘‘कब तक छुपोगे गुवाहाटी में, आना ही पड़ेगा चौपाटी में.'' दक्षिण मुंबई में मंत्रालय (राज्य सचिवालय), विधान भवन (विधायिका परिसर), राजभवन और मुख्यमंत्री का आधिकारिक बंगला ‘वर्षा' सहित प्रमुख सरकारी प्रतिष्ठान गिरगाम समुद्र तट के आसपास के क्षेत्र में स्थित हैं, जिसे गिरगाम चौपाटी भी कहा जाता है.
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