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कोलकाता के RG कर मेडिकल कॉलेज भ्रष्टाचार मामले में ED की बड़ी कार्रवाई, कई ठिकानों पर की गई छापेमारी

ईडी ने संदीप घोष और उससे जुड़े कई अन्य लोगों के घरों पर भी छापेमारी की है. साथ ही ईडी ने आरजी कर अस्पताल के डेटा एंट्री ऑपरेटर के घर की तलाशी ली है.

कोलकाता में कई ठिकानों पर छापेमारी कर रही है ईडी की टीम

नई दिल्ली:

कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में हुए भ्रष्टाचार के एक मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार की सुबर कोलाकाता में कई ठिकानों पर छापेमारी की. बताया जा रहा है कि ईडी ने ये छापेमारी खासतौर पर संदीप घोष और उससे जुड़े अलग-अलग ठिकानों पर की है. आपको बता दें कि संदीप घोष आरजी कर अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल हैं.ईडी के सूत्रों से जो जानकारी मिल रही है उसके मुताबिक जांच एजेंसी ने संदीप घोष के घर पर भी छापेमारी की है. ईडी ने इस अस्पताल के डेटा एंट्री ऑपरेटर प्रसुन चटर्जी का घर शामिल है. 

आपको बता दें कि बीते मंगलवार को आखिरकार पश्चिम बंगाल सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने कोलकाता के आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के विवादास्पद पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष को निलंबित कर दिया है. संस्थान में 9 अगस्त को एक जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर के साथ बलात्कार के बाद उसकी हत्या कर दी गई थी. उस समय घोष संस्थान के प्रभारी थे. स्वास्थ्य विभाग ने एक आधिकारिक आदेश में घोष के निलंबन की घोषणा की.

हालांकि, इस आदेश पर स्वास्थ्य सचिव एन.एस. निगम की बजाय विभाग में विशेष कार्य अधिकारी के हस्ताक्षर हैं. आदेश में कहा गया था कि कोलकाता के आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के पूर्व प्राचार्य संदीप घोष के खिलाफ चल रही आपराधिक जांच के मद्देनजर, घोष को पश्चिम बंगाल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण और अपील) नियम, 1971 के नियम 7(1सी) के तहत तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाता है.

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हालांकि, चिकित्सा बिरादरी के प्रतिनिधियों ने राज्य सरकार की देर से की गई कार्रवाई पर सवाल उठाए थे. राज्य की तृणमूल कांग्रेस सरकार की घोष को बचाने के लिए पहले से ही आलोचना हो रही है. घोष को 16 दिनों की पूछताछ के बाद सोमवार शाम केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने गिरफ्तार किया था. एक अदालत ने उन्हें आठ दिन की सीबीआई हिरासत में भेज दिया था.

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CBI ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के पूर्व प्राचार्य संदीप घोष का नाम उनके कार्यकाल के दौरान संस्थान में कथित वित्तीय अनियमितताओं की जांच के संबंध में दर्ज किया था.एजेंसी ने भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 120 बी (आपराधिक साजिश) धारा 420 (धोखाधड़ी) के साथ पठित और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 (2018 में संशोधित) की धारा सात लगाई है, जो एक लोक सेवक द्वारा अवैध रूप से रिश्वत स्वीकार करने से संबंधित है.

संदीप घोष के अलावा, सीबीआई ने मध्य जोरहाट, बानीपुर, हावड़ा के मेसर्स मा तारा ट्रेडर्स, जेके घोष रोड, बेलगछिया, कोलकाता के मेसर्स ईशान कैफे और मेसर्स खामा लौहा के खिलाफ भी मामला दर्ज किया था.राज्य स्वास्थ्य विभाग के विशेष सचिव देबल कुमार घोष द्वारा दर्ज कराई गई लिखित शिकायत के आधार पर ये प्राथमिकी दर्ज की गई थी.

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