निर्वाचन आयोग ने बुधवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के दोनों विरोधी गुटों को पार्टी के नाम और आधिकारिक चिह्न से संबंधित नोटिस का जवाब देने के लिए तीन सप्ताह का समय दिया. एक गुट शरद पवार के नेतृत्व वाला और दूसरा उनके भतीजे अजित पवार की अगुवाई वाला है. दोनों ने पार्टी के नाम और आधिकारिक चुनाव चिह्न के दावे पर निर्वाचन आयोग के नोटिस पर अपनी प्रतिक्रिया देने के लिए चार सप्ताह की मोहलत मांगी थी.
आयोग ने 27 जुलाई को दोनों प्रतिद्वंद्वी गुटों को नोटिस जारी कर उनसे असली पार्टी होने का दावा करते हुए आयोग को सौंपे गए दस्तावेजों का आदान-प्रदान करने को कहा था. पांच जुलाई को, निर्वाचन आयोग को 40 सांसदों, विधायकों और विधान परिषद सदस्यों के हलफनामों के साथ-साथ विद्रोही गुट के सदस्यों का एक प्रस्ताव भी मिला था कि उन्होंने अजित पवार को राकांपा प्रमुख के रूप में चुना है. इस संबंध में पत्र 30 जून को लिखा गया था.
इससे दो दिन पहले अजित पवार ने राकांपा में आश्चर्यजनक तरीके से बगावत की थी और आठ मंत्रियों के साथ महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी.
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