अफगानिस्तान के मौजूदा हालात पर सर्वदलीय बैठक हुई. इस बैठक में विदेशमंत्री एस जयशंकर सभी पार्टियों के नेताओं को अफगानिस्तान के हालात से रू-ब-रू करवाया. बैठक में अफगानिस्तान में फंसे भारतीयों को निकालने के लिए सरकार की ओर से किए गए प्रयासों की जानकारी विपक्षी दलों को दी गई. सूत्रों के मुताबिक- विदेशमंत्री एस जयशंकर ने मीटिंग में बताया कि अफगानिस्तान में स्थिति बहुत चिंताजनक है. भारत अपने नागरिकों को निकालने का हर संभव प्रयास कर रहे हैं. मुसीबत की इस घड़ी में भारत अफगानिस्तान के लोगों के साथ खड़ा है.
सूत्रों के मुताबिक- सर्वदलीय बैठक में ये भी बताया गया कि सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता अफगानिस्तान में फंसे भारतीयों को निकालना है. लगभग 15,000 लोगों ने मदद और सहायता के लिए सरकार के हेल्प डेस्क से संपर्क किया है. इसके साथ विपक्षी दलों को अफगानिस्तान में अमेरिकी, रूस और चीन द्वारा उठाए जा रहे कदमों के बारे में जानकारी दी गई.
तृणमूल के नेता सौगत राय ने बताया कि भारत सरकार ने हमें बताया है अफगानिस्तान संकट पर वह वेट एंड वॉच पॉलिसी की रणनीति के साथ आगे बढ़ रही है.हमने विदेश मंत्री से कहा है कि अफगानिस्तान में फंसे सभी भारतीय नागरिकों को जल्दी से जल्दी निकालने की पूरी कोशिश होनी चाहिए.
सरकार की तरफ से छह मंत्रियों ने बैठक में भाग लिया. इनमें विदेशमंत्री एस जयशंकर, विदेश राज्यमंत्री मीनाक्षी लेखी, संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी, कॉमर्स मिनिस्टर पीयूष गोयल विदेश राज्यमंत्री व मुरलीधरण और केंद्रीय मंत्री अर्जुन मेघवाल शामिल हैं.इस बैठक में 31 पार्टियों के 37 नेताओं ने हिस्सा लिया.
प्रमुख विपक्षी दलों में कांग्रेस के मलिकार्जुन खड़गे, अधीर रंजन चौधरी और आनंद शर्मा
एनसीपी से शरद पवार
तृणमूल कांग्रेस से शुभेंदु शेखर रॉय और सॉगत रॉय,
डीएमके से तिरुचि शिवा
आरजेडी से प्रेमचंद गुप्ता,
एआईएमआईएम से असदुद्दीन ओवैसी
आम आदमी पार्टी से एनडी गुप्ता
टीडीपी से जयदेव गल्ला
JD(S) से एचडी देवेगौड़ा
जेडीयू से ललन सिंह
बीजेडी से प्रसन्ना आचार्य और
सीपीआई से बिनॉय विश्वम
बता दें कि अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद हालात खराब है. भारत के साथ साथ अन्य देश भी अपने नागरिकों को वहां से निकाल रहे हैं. वहीं अमेरिका ने अफगानिस्तान छोड़ने के लिए काबुल हवाईअड्डे तक पहुंचने की कोशिश कर रही भीड़ को 'बड़े आतंकी हमले' की आशंका को लेकर चेताया है, क्योंकि ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया ने भी यहां आतंकी हमले के 'बड़ा खतरे' की चेतावनी दी है. बुधवार देर रात लंदन, कैनबरा और वाशिंगटन से लगभग एक जैसी यात्रा चेतावनियां जारी हुईं. इसमें इस इलाके में भीड़ इकट्ठी न करने और सुरक्षित जगहों पर आसरा लेने का आग्रह किया गया है. तालिबानी शासन से निकलने की उम्मीद में हजारों भयभीत अफगानों और विदेशियों ने काबुल हामिद करजई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को ठिकाना बना रखा है. इसी बीच हवाई अड्डे की सुरक्षा को लेकर ये चेतावनी भी सामने आई. हवाई अड्डे पर अफरातफरी में 8 लोगों की मौत हो चुकी है.
वहीं तालिबान भी कह रहा है कि वह अफगानिस्तान के लोगों को बाहर नहीं भेजना चाहता. महिलाओं को भी बाहर काम करने की आजादी होगी. बुर्के के बजाय महिलाओं को हिजाब पहनने की बात भी वह कह रहा है, लेकिन इन सबके बीच तालिबान की प्रताड़ना से जुड़े कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल भी हो रहे हैं.
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