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कोई देश हमारे रिश्तों पर वीटो नहीं लगा सकता..पुतिन की यात्रा पर एस जयशंकर

विदेश मंत्री एस. जयशंकर का कहना है कि रूस और भारत ने कई अप एंड डाउन देखे हैं, दोनों देशों के बीच रिश्ते काफी अहम रहे हैं. हालांकि, रूस के चीन और यूरोप के साथ रिश्ते काफी ऊपर और नीचे रहे हैं.

कोई देश हमारे रिश्तों पर वीटो नहीं लगा सकता..पुतिन की यात्रा पर एस जयशंकर
  • विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने पुतिन की हालिया भारत यात्रा को द्विपक्षीय संबंधों के पुनर्निर्धारण के रूप में बताया
  • जयशंकर ने कहा कि पिछले 70-80 वर्षों में विश्व ने कई उतार-चढ़ाव देखे हैं, लेकिन भारत-रूस संबंध स्थिर रहे
  • एस. जयशंकर ने भारत और रूस के बीच संबंधों को विश्व के सबसे स्थिर और भरोसेमंद संबंधों में गिना है
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नई दिल्‍ली:

भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने शनिवार को कहा कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की हाल ही में संपन्न दो दिवसीय भारत यात्रा नई दिल्ली और मॉस्को के बीच संबंधों को नए सिरे से परिभाषित करने के लिए थी. एचटी समिट में NDTV के CEO और एडिटर इन चीफ राहुल कंवल से खास बातचीत के दौरान एस. जयशंकर ने कहा कि पिछले 70-80 वर्षों में दुनिया ने कई उतार-चढ़ाव देखे हैं. मैंने पहले भी कहा है, और मैं इसे फिर से कहूंगा, भारत-रूस संबंध दुनिया के सबसे स्थिर संबंधों में से एक रहे हैं. कोई देश हमारे संबंधों पर वीटो नहीं लगा सकता है.

कोई देश भारत के संबंधों पर वीटो नहीं लगा सकता

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भारत की अपने वैश्विक साझेदार चुनने की स्वतंत्रता का जिक्र करते हुए कहा कि जियोपॉलिटिकल उतार-चढ़ाव से भरी दुनिया में मॉस्को के साथ नई दिल्ली के संबंध सबसे स्थिर रहे हैं. किसी भी देश के लिए किसी अन्य देश के साथ भारत के संबंधों पर वीटो लगाना अनुचित है. एस. जयशंकर ने बताया, 'अमेरिका के साथ 80-90 के दशक और सन 2000 के आसपास हमारा आर्थिक रिश्ता बढ़ा, लेकिन रक्षा और सुरक्षा के क्षेत्र में ऐसा नहीं हुआ, जबतक कि न्यूक्लियर डील नहीं हुई. हमारी कई यूरोपीय देशों के साथ अच्छे रिश्ते रहे हैं. लेकिन वो चीन को प्राइमरी पार्टनर मानते हैं. आर्थिक रिश्ते उतने पूरे नहीं दिखते हैं. वहीं, हम भारत और रूस के रिश्‍तों को देखें, तो रक्षा सहयोग भारत और रूस के बीच अहम कड़ी रहा है.

 रूस और भारत ने कई अप एंड डाउन देखे, लेकिन...

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा, रूस और भारत ने कई अप एंड डाउन देखे हैं, दोनों देशों के बीच रिश्ते काफी अहम रहे हैं. हालांकि, रूस के चीन और यूरोप के साथ रिश्ते काफी ऊपर और नीचे रहे हैं. विदेश नीति किसी मूवी से ज्यादा अलग होता है, पुतिन का भारत आना दोनों देशों के लिए क्या अहम है. इससे ज्यादा अहम है कि दिल्ली और मॉस्को के बीच क्या हुआ? दोनों देशों का रिश्ते अच्छा है, दोनों देश अपनी पॉजिशन के साथ हैं, हम आपसी सहयोग को मजबूत कर रहे हैं. उन्‍होंने कहा कि कोई भी देश हमारे रिश्‍तों पर वीटो नहीं लगा सकता है. भारत के विदेश मंत्री का इशारा, अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप की ओर था, जो इस बात पर अड़े हैं कि भारत को रूस के साथ डिफेंस डील नहीं करनी चाहिए, कच्‍चा तेल नहीं खरीदना चाहिए. हालांकि, भारत ने कई मौकों पर साफ कर दिया है कि भारत किसी देश के दबाव में झुकने वाला नहीं है.

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'कूटनीति के लिए हमेशा आशावादी रहना चाहिए'

एस. जयशंकर ने कहा, 'भारत-अमेरिका रिश्ते पर पीएम मोदी ने काफी मेहनत की है. हर सरकार हर अमेरिकी राष्ट्रपति का अपना अलग तरीका है. डोनाल्‍ड ट्रंप का तरीका एकदम अलग है. उन्होंने खुद भी ऐसा कहा है. मेरे लिए विदेश नीति हर वक्त आपके हिसाब से नहीं चल सकती है. दिक्‍कतें आएंगी, आज अमेरिका से है, कल किसी और के साथ हो सकता है. ऐसे मुद्दों पर बात करनी होती है और उससे निकलना होता है. कारोबार पर कोई बात बन सकती है, हम बातचीत कर सकते हैं. ये देश के लाइवलीहुड का सवाल है. हमारे लिए वर्कर, फॉर्मर और मिडिल क्लास अहम है. कूटनीति के लिए हमेशा आशावादी रहना चाहिए. ये कभी भी हो सकता है, कभी कभी एक सप्ताह में हो सकता है. बातचीत में कोई कमी नहीं हो रही है, कई राउंड की बातचीत हो रही है. हमें देखना होगा कि कब समझौता होगा. ये जल्दी भी सकता है और देरी भी हो सकती है.'

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