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This Article is From Mar 26, 2021

भारत बंद के दौरान दिल्ली में सब्ज़ियां और दूध भी नहीं पहुंचेगा : किसान संगठन

विरोध करने वाले संगठनों के संयुक्त मोर्चे ने प्रदर्शनकारी किसानों से शांति बनाए रखने और बंद के दौरान किसी भी तरह की गैर-कानूनी बहस या संघर्ष में नहीं पड़ने की अपील की.

तीन विवादास्पद कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों ने शुक्रवार को समूचे मुल्क में 'हड़ताल', यानी भारत बंद का आह्वान किया है...

तीन विवादास्पद कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों ने शुक्रवार को समूचे मुल्क में 'हड़ताल', यानी भारत बंद का आह्वान किया है. दिल्ली की सीमाओं पर किसानों के आंदोलन को आज चार माह पूरे हो गए हैं, और भारत बंद के चलते रेल यातायात भी प्रभावित हुआ. दिल्ली से चंडीगढ़, अमृतसर, कालका जाने वाली ट्रेनों के अलावा कई ट्रेनें शुक्रवार सुबह रद्द कर दी गईं.

कुछ इलाकों में सड़क यातायात भी प्रभावित हुआ. राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में जिन तीन स्थानों पर किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है, उनमें से एक गाज़ीपुर के निकट नेशनल हाईवे 9 पर भी विरोध प्रदर्शन की ख़बरें हैं. पुलिस ने प्रदर्शनकारियों की आवाजाही को रोकने के लिए बैरिकेड लगा दिए हैं.

संयुक्त किसान मोर्चा के नेता दर्शन पाल ने एक वीडियो संदेश में कहा था कि प्रदर्शनकारी किसान सब्ज़ियों और दूध की आपूर्ति भी रोक देंगे. विरोध करने वाले संगठनों के संयुक्त मोर्चे ने प्रदर्शनकारी किसानों से शांति बनाए रखने और बंद के दौरान किसी भी तरह की गैर-कानूनी बहस या संघर्ष में नहीं पड़ने की अपील की.

संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि अखिल भारतीय हड़ताल, जो शुक्रवार सुबह 6 बजे शुरू हुई और शाम को 6 बजे तक जारी रहेगी, के दौरान राष्ट्रीय राजधानी में भी 'बंद' किया जाएगा.

वरिष्ठ किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने समाचार एजेंसी PTI से कहा, "किसान जगह-जगह ट्रेनों की पटरियों को ब्लॉक करेंगे... बाज़ार और ट्रांसपोर्ट सेवाएं भारत बंद के दौरान बंद रहेंगी..."

समाचार एजेंसी PTI ने बताया, हालांकि देश में आठ करोड़ व्यापारियों के प्रतिनिधित्व का दावा करने वाली कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ने कहा कि 26 मार्च को बाज़ार खुले रहेंगे, क्योंकि वे 'भारत बंद' में शामिल नहीं हैं.

दिल्ली की सीमाओं पर तीन जगह - सिंघू बॉर्डर, गाज़ीपुर बॉर्डर, टीकरी बॉर्डर - किसानों का विरोध प्रदर्शन 26 नवंबर को शुरू हुआ था. कई दौर की बातचीत के बावजूद सरकार और किसान संगठन किसी सहमति पर पहुंचने में कामयाब नहीं हो पाए.

26 जनवरी को देश के गणतंत्र दिवस के अवसर पर, जब विरोध प्रदर्शन को दो माह पूरे हुए थे, किसानों ने ट्रैक्टर रैली आयोजित की थी, जिसके दौरान हिंसा भड़क गई थी और प्रदर्शनकारी ऐतिहासिक लालकिले तक में घुस गए थे.

(इनपुट PTI से भी)

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