देश में कई जगहों पर पेट्रोल-डीजल की कम सप्लाई (Less Supply of Petrol and Diesel) से तेल संकट गहराने का खतरा मंडरा रहा है. ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (AIMTC) के कोर कमेटी के चेयरमैन और पूर्व अध्यक्ष बल मलकीत सिंह ने आशंका जताई है कि देश में ईंधन की कमी से आपूर्ति गंभीर रूप प्रभावित हो सकती है. उन्होंने कहा कि हमें पेट्रोल पंपों पर डीजल की कम आपूर्ति के संबंध में परिवहन बिरादरी से लगातार रिपोर्ट मिल रही है. वहीं मध्य प्रदेश से भी ऐसी खबरें आई हैं, जहां पेट्रोल पंपों पर तेल की किल्लत को लेकर एसोसिएशनों ने अपनी आवाज उठाई है.हालांकि इंडियन ऑयल के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा था कि पेट्रोल-डीजल की आपूर्ति पूरी तरह सामान्य है.
देश भर में लाखों ट्रक ऑपरेटरों के संगठन एआईएमटीसी के सदस्य बल मलकीत सिंह ने कहा कि हमने तुरंत इस मामले को पेट्रोलियम मंत्रालय और तेल विपणन कंपनियों के वरिष्ठ अधिकारियों के सामने उठाया है. डीजल की आपूर्ति कम होने से स्थिति खतरनाक हो सकती है, क्योंकि यह सीधे आपूर्ति श्रृंखला पर प्रतिकूल प्रभाव डालेगा. उन्होंने कहा कि कारखाने और खुदरा आउटलेट अपने इन्वेंट्री स्तर को निम्न स्तर पर रखते हैं और आपूर्ति श्रृंखलाओं में व्यवधान अर्थव्यवस्था के सभी क्षेत्रों को प्रभावित करेगा, जिसमें आवश्यक वस्तुओं की आवाजाही भी शामिल है.
उन्होंने कहा कि दूरदराज के इलाकों में स्थिति और अधिक विकट हो सकती है. हमें उम्मीद है कि सरकार बहुत देर होने से पहले जरूरी कदम उठाएगी ताकि आपूर्ति श्रंखला बरकरार रहे.
पेट्रोल-डीजल सप्लाई की अघोषित कटौती से संकट गहरा सकता है. कई पंप सूखने जैसी स्थिति में हैं. जिन पंपों पर ईंधन है भी, तो वहां तीन-चार दिन का ही स्टॉक बचा है. पेट्रोल पंप एसोसिएशन (Petrol Pump Association) का कहना है कि केंद्र सरकार (Central Government) के पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी (Excise Duty) घटाने के बाद तेल कंपनियों ने सप्लाई कम कर दी है. यदि सप्लाई ठीक नहीं हुई तो आने वाले कुछ दिन के बाद स्थिति गंभीर हो सकती है. सबसे ज्यादा दिक्कत डीजल को लेकर है.
हाल ही में सरकार ने एक्साइज ड्यूटी में कटौती की है, ऐसे में माना जा रहा है कि कंपनियां सप्लाई में कटौती कर ज्यादा नुकसान होने से बचाव की कोशिश में हैं.
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