डॉ. बाबासाहब आंबेडकर मेमोरियल की काल्पनिक डिजाइन
मुंबई:
भारत के संविधान निर्माता डॉ. बाबासाहब आंबेडकर की याद में बनने वाले स्मारक का पहला खाका सामने आया है। मुम्बई में दादर चौपाटी के किनारे पर साढ़े चार एकड़ जमीन पर यह स्मारक बनने जा रहा है। इस स्थान पर फिलहाल एनटीसी की इंदू मिल है जिसकी जमीन केंद्र सरकार ने महाराष्ट्र सरकार को हस्तांतरित कर दी है।
बाबासाहब की प्रतिमा की ऊंचाई फिलहाल तय नहीं
4 अक्तूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आम्बेडकर स्मारक का मुम्बई में शिलान्यास करेंगे। इस स्मारक के प्रवेश स्थल पर डॉ आंबेडकर की प्रतिमा होगी। इस प्रतिमा की ऊंचाई कितनी हो, इस बात पर फिलहाल दलित नेता एकमत नहीं हैं। आंबेडकर परिवार के सदस्य आनंदराज आंबेडकर ने इस प्रतिमा की ऊंचाई स्टेचू ऑफ लिबर्टी के बराबर रखने की मांग NDTV इंडिया से बात करते हुए की।
समाधि स्थल चैत्यभूमि के करीब होगा स्मारक
दादर में यह स्मारक बाबासाहब के समाधि स्थल चैत्यभूमि से काफी करीब होगा। इस स्मारक में बुद्ध स्तूप के आकार से प्रेरणा लेकर खुला गुंबद होगा। इसके अलावा प्राकृतिक झरना और तालाब इसे अलग पहचान देगा। यहां एक साथ दस हजार लोगों के लिए विपश्यना की जगह उपलब्ध होगी और हजारों वाहनों की पार्किंग भी हो सकेगी।
साढ़े तीन सौ करोड़ की लागत से ढाई साल में निर्माण
इस स्मारक के आर्किटेक्ट शशि प्रभु ने NDTV इंडिया को बताया कि करीब ढाई साल में साढ़े तीन सौ करोड़ रुपए की लागत से यह स्मारक बनेगा। इसके जरिए बाबासाहब आंबेडकर के जीवन का संघर्ष लोगों के सामने आएगा। इससे आने वाली पीढ़ियां प्रेरणा ले सकेंगी।
बाबासाहब की प्रतिमा की ऊंचाई फिलहाल तय नहीं
4 अक्तूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आम्बेडकर स्मारक का मुम्बई में शिलान्यास करेंगे। इस स्मारक के प्रवेश स्थल पर डॉ आंबेडकर की प्रतिमा होगी। इस प्रतिमा की ऊंचाई कितनी हो, इस बात पर फिलहाल दलित नेता एकमत नहीं हैं। आंबेडकर परिवार के सदस्य आनंदराज आंबेडकर ने इस प्रतिमा की ऊंचाई स्टेचू ऑफ लिबर्टी के बराबर रखने की मांग NDTV इंडिया से बात करते हुए की।
समाधि स्थल चैत्यभूमि के करीब होगा स्मारक
दादर में यह स्मारक बाबासाहब के समाधि स्थल चैत्यभूमि से काफी करीब होगा। इस स्मारक में बुद्ध स्तूप के आकार से प्रेरणा लेकर खुला गुंबद होगा। इसके अलावा प्राकृतिक झरना और तालाब इसे अलग पहचान देगा। यहां एक साथ दस हजार लोगों के लिए विपश्यना की जगह उपलब्ध होगी और हजारों वाहनों की पार्किंग भी हो सकेगी।
साढ़े तीन सौ करोड़ की लागत से ढाई साल में निर्माण
इस स्मारक के आर्किटेक्ट शशि प्रभु ने NDTV इंडिया को बताया कि करीब ढाई साल में साढ़े तीन सौ करोड़ रुपए की लागत से यह स्मारक बनेगा। इसके जरिए बाबासाहब आंबेडकर के जीवन का संघर्ष लोगों के सामने आएगा। इससे आने वाली पीढ़ियां प्रेरणा ले सकेंगी।
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