"बिहार में पाकिस्तान मत बनाइए, खुद..." : उर्दू अनुवादकों की नियुक्ति को लेकर BJP का नीतीश कुमार पर निशाना

सबसे लंबे समय तक बिहार के मुख्यमंत्री रहने वाले कुमार वर्ष 2024 के लोकसभा चुनावों में भाजपा को हराने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर विपक्ष को एकजुट करने की कोशिश कर रहे हैं. 

पटना:

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर बिना नाम लिए निशाना साधते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि ‘‘गरीब राज्यों के लिए कुछ किए बिना झूठा प्रचार-प्रसार हो रहा है.'' दो महीने पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से नाता तोड़ लेने वाले कुमार ने इस बात पर भी अफसोस जताया कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा जो सभी गरीब राज्यों को मिलनी चाहिए, देने की लंबे समय से चली आ रही मांग को स्वीकार नहीं किया गया. उन्होंने किसी का नाम लिए बिना कहा, ‘‘गरीब-गुरबा राज्यों के लिए कुछ किए बिना झूठे प्रचार-प्रसार में लगे रहते हैं.

सबसे लंबे समय तक बिहार के मुख्यमंत्री रहने वाले कुमार वर्ष 2024 के लोकसभा चुनावों में भाजपा को हराने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर विपक्ष को एकजुट करने की कोशिश कर रहे हैं. मुख्यमंत्री सचिवालय में करीब 200 उर्दू अनुवादक और आशुलिपिक को नियुक्ति पत्र प्रदान करने के लिए आयोजित समारोह के बाद संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कुमार ने यह बात कही. कुमार ने समाज के कमजोर वर्गों, विशेषकर अल्पसंख्यकों और दलितों के उत्थान को सुनिश्चित करने के लिए अपनी सरकार के प्रयासों के बारे में विस्तार से बात की. जदयू के शीर्ष नेता बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग लंबे समय से करते रहे हैं.

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उन्होंने उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी की उपस्थिति में उक्त बात कही. दोनों ने सांप्रदायिक सद्भाव के लिए उनकी प्रतिबद्धता के लिए उनकी प्रशंसा की.

पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा में भाजपा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि उर्दू अनुवादकों की नियुक्ति के लिए विज्ञापन फरवरी 2019 में निकला और मई 2022 तक परीक्षा, परिणाम और काउंसिलिंग की प्रक्रिया पूरी कर 149 अभ्यर्थियों को सफल घोषित किया जा चुका था. उन्होंने कहा कि इन्हीं लोगों को नियुक्ति पत्र बांट कर दिखावा किया जा रहा है.

उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार उन युवाओं को नियुक्ति पत्र बांट रहे हैं जिनकी बहाली की प्रक्रिया राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार के समय ही पूरी हो चुकी थी, लेकिन राष्ट्रीय जनता दल (राजद) समर्थित सरकार झूठा श्रेय लेना चाहती है. सुशील मोदी ने कहा कि सात दलों के दबाव में काम करने वाली महागठबंधन सरकार जब विभिन्न आयोगों के चंद शीर्ष प्रशासनिक पदों पर बहाली नहीं कर पा रही है तब वह रिक्त पदों पर 4.5 लाख और नये पदों पर 5.5 लाख नियुक्तियां कैसे कर पाएगी.

भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता निखिल आनंद ने ट्वीट कर कटाक्ष किया, ‘‘मुख्यमंत्री नीतीश जी की मंशा हर स्कूल में उर्दू शिक्षक बहाल करने की है. विधानसभा में उर्दू जानकर क्यों है, अब हर थाने में उर्दू ट्रांसलेटर घुसेड़े जायेंगे.'' उन्होंने बिहार के मुस्लिम बहुल सीमावर्ती जिले में दलित-पिछड़े-अति पिछड़े की स्थिति खराब होने का आरोप लगाते हुए कटाक्ष किया, ‘‘भाई, बिहार में पाकिस्तान मत बनाओ, खुद पाकिस्तान चले जाओ.''

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)