
प्रतीकात्मक फोटो.
Quick Reads
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
अदालत ने खारिज की घेरलू हिंसा में आरोपित एक शख्स की याचिका
कोर्ट ने कहा, गुजारा भत्ते का मतलब भूखमरी से बचाना नहीं होता
शख्स ने दलील दी थी कि महिला एक शिक्षक है, उसकी अच्छी तनख्वाह है
वीडियो देखेंः बगैर शादी साथ रहने का हक
शर्मा ने कहा, 'मेरे विचार से, पक्षों की सामाजिक-आर्थिक हैसियत पर विचार करते हुए निचली अदालत से अंतरिम गुजारा-भत्ता के लिए मिला आदेश, खास तौर पर दिल्ली जैसे महानगर में जीवन यापन के खर्च को देखते हुए ज्यादा नहीं लगता. गौरतलब है कि कि मजिस्ट्रेटी अदालत के आदेश के खिलाफ दायर अपील में उस शख्स ने दलील दी थी कि महिला एक पेशेवर शिक्षक है और उसे अच्छी तनख्वाह मिल रही है.
ये भी पढ़ें :
पति की कमायी पर ही आश्रित नहीं रहा जा सकता : अदालत ने महिला से कहा
दीपक तिजोरी को 'पत्नी' ने घर से बाहर निकाला, बाद में पता चला कि वह उनकी पत्नी ही नहीं
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)