कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) ने आज (शुक्रवार, 30 सितंबर) को ऐलान किया कि वह पार्टी अध्यक्ष का चुनाव नहीं लड़ेंगे और इसके बजाय वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे की उम्मीदवारी का प्रस्तावक बनेंगे. इसके साथ ही उन्होंने रेस से बाहर निकलने की वजहें भी बताईं.
दिग्विजय सिंह ने कहा कि उन्होंने तीन बातों से अपनी जिंदगी में कभी भी समझौता नहीं किया. उन्होंने कहा, "मैं दलितों, आदिवासियों और ओबीसी से संबंधित मुद्दों पर समझौता नहीं करता. मैं उन लोगों के साथ समझौता नहीं करता जो सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ते हैं और मैं नेहरू-गांधी परिवार के प्रति अपनी प्रतिबद्धता से समझौता नहीं करता."
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने मीडिया से बातचीत में कहा, "खड़गे जी मेरे नेता और मेरे वरिष्ठ हैं. मैंने कल उनसे पूछा था कि क्या वह चुनाव लड़ना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि नहीं. मैं आज फिर उनसे मिला. मैंने उनसे कहा कि अगर आप चुनाव लड़ रहे हैं तो मैं पूरी तरह से आपके साथ हूं. मैं आपके खिलाफ जाने की सोच भी नहीं सकता. अब वह अपना नामांकन दाखिल कर रहे हैं और मैं उनका प्रस्तावक बनूंगा."
कांग्रेस अध्यक्ष पद चुनाव : मल्लिकार्जुन खड़गे IN, दिग्विजय सिंह OUT, 10 बड़ी बातें
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के रेस से बाहर होने के बाद दिग्विजय सिंह ने कल कहा था कि वह पार्टी प्रमुख पद का चुनाव लड़ेंगे और शुक्रवार को नामांकन करेंगे. उन्होंने इसके लिए 10 नामांकन पत्र भी लिए थे. मध्य प्रदेश कांग्रेस के 12 विधायक भी उनका प्रस्तावक बनने को तैयार थे लेकिन आज नामांकन के आखिरी दिन 80 वर्षीय मल्लिकार्जुन खड़गे की एंट्री के बाद सिंह ने चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया.
अब मल्लिकार्जुन खड़गे का मुकाबला सांसद शशि थरूर से होगा क्योंकि चुनावी मैदान में यही दो उम्मीदवार रह गए हैं.
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