- धर्मेंद्र का निधन 89 वर्ष की आयु में हुआ और उनका अंतिम संस्कार मुंबई के पवनहंस श्मशान भूमि में किया गया.
- अंतिम यात्रा में देओल परिवार के साथ अमिताभ बच्चन, सलमान खान, आमिर खान और अभिषेक बच्चन जैसे सितारे शामिल हुए.
- धर्मेंद्र के निधन की सूचना गुप्त रखी गई, उनका अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के बिना गुपचुप तरीके से हुआ.
Dharmendra Death: करीब 6 दशक तक सिनेमाई दुनिया में सितारे की तरह रहे धर्मेंद्र का सोमवार 24 नवंबर को 89 साल की उम्र में निधन हो गया. धर्मेंद्र के निधन के बाद उन्हें मुंबई के पवनहंस श्मशान भूमि में अंतिम विदाई दी गई. जहां उनके बड़े बेटे सनी देओल ने उन्हें मुखाग्नि दी. धर्मेंद्र की अंतिम यात्रा में देओल परिवार के साथ-साथ अमिताभ बच्चन, सलमान खान, आमिर खान, अभिषेक बच्चन जैसे कई नामचीन सितारे नम आखों से शामिल हुए. धर्मेंद्र अपनी पूरी जिंदगी जी कर गए. लेकिन उनका जाना जिस गुपचुप तरीके से हुआ, उससे हर कोई हैरान है. करोड़ों दिलों पर राज करने वाले धर्मेंद्र की अंतिम यात्रा ऐसे होगी, इसकी किसी ने कल्पना नहीं की थी.
धरम पाजी की गुमनाम विदाई से हर दिल में कसक
धरम पाजी के फैंस कम से कम उनका अंतिम दर्शन तो कर ही सकते थे. धर्मेंद्र की अंतिम यात्रा निकलती तो पूरा शहर सड़कों पर उमड़ पड़ता. लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ. धर्मेंद्र जब पंचत्तत्व में विलीन हो रहे थे, तभी उनके निधन की जानकारी सामने आई. जब तक धरम पाजी के निधन की खबरें फैलती तब तक उनका पार्थिक शरीर पंचत्तत्व में विलीन हो चुका था.
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राजकीय सम्मान के साथ विदाई का क्या है प्रोटोकॉल
आमतौर पर राजकीय सम्मान देने की प्रक्रिया में सरकार को सूचना देने या पुष्टि करने का एक प्रोटोकॉल शामिल होता है. लेकिन ये केवल परिवार की ओर से दी गई खबर पर निर्भर नहीं करता, किसी हस्ती के निधन की खबर सार्वजनिक होने से भी सरकार स्वयं ही योग्यता के आधार पर तुरंत निर्णय लेकर तैयारी करती है.
MHA, CMO या राज्य सरकार का गृह मंत्रालय करता है तय
परिवार के सदस्य या उनके प्रतिनिधि प्रोटोकॉल के तहत सीधे राज्य के मुख्यमंत्री कार्यालय CMO, राज्य के गृह विभाग, या केंद्रीय गृह मंत्रालय MHA को सूचित करते हैं. निधन की खबर मिलते ही, मुख्यमंत्री कार्यालय या गृह मंत्रालय यह तय करता है कि मृतक राजकीय सम्मान के योग्य है या नहीं, यह निर्णय सार्वजनिक योगदान और पद के आधार पर होता है.

आदेश जारी होने के बाद शुरू होती है तैयारी
निर्णय होने के बाद, सरकार तत्काल एक आधिकारिक आदेश, अधिसूचना जारी करती है. इसके बाद, स्थानीय जिला प्रशासन कलेक्टर और पुलिस को राजकीय सम्मान की तैयारी तिरंगा, गार्ड ऑफ ऑनर, शोक सलामी के लिए निर्देश दिए जाते हैं. जिसके बाद सरकार अपनी तैयारी शुरू कर देती है, साथ ही प्रोटोकॉल टीम परिवार से संपर्क करती है.
समय और स्थान के लिए परिवार को देनी होती है सहमति
राजकीय सम्मान तभी दिया जाता है जब परिवार अंतिम संस्कार के समय और स्थान पर सरकारी भागीदारी के लिए सहमत हो. भारत में किसी भी मृत हस्ती को राजकीय सम्मान देने का निर्णय पूरी तरह से केंद्रीय गृह मंत्रालय या संबंधित राज्य सरकार के कार्यकारी विवेक पर निर्भर करता है, जिसका कोई निश्चित कानून नहीं है.
ये सम्मान केवल वर्तमान या पूर्व संवैधानिक पदधारियों ही नहीं बल्कि देश के लिए योगदान देने वाली हस्ती, कलाकार, वैज्ञानिक, समाज सुधारक को भी दिया जाता है. निधन की सूचना मिलते ही, राज्य का प्रोटोकॉल विभाग मुख्यमंत्री कार्यालय इस पर फौरन निर्णय लेता है.

निधन के तुरंत बाद सरकार से जारी होता है आदेश
मुख्यमंत्री या राज्य सरकार, जो तुरंत सरकारी आदेश आधिकारिक अधिसूचना जारी करती है, यह आदेश आमतौर पर मृत्यु के तुरंत बाद, अंतिम संस्कार से कुछ घंटे पहले निकलता है.
धर्मेंद्र के मामले में क्या हुआ?
धर्मेंद्र के मामले में कल उनके निधन की जानकारी परिवार द्वारा गुप्त रखते हुए सीधे अंतिम संस्कार की तैयारी की गई. अंदेशा है, राजकीय सम्मान के लिए समय पर निधन की सूचना ना मिलने और पर्याप्त समय ना होने के कारण राजकीय सम्मान का मौका नहीं मिल सका. हालांकि धर्मेंद्र के परिवार की ओर से अभी तक इस मामले में कुछ भी नहीं कहा गया है. ऐसे में यह अंदेशा ही है.

11.40 बजे धर्मेंद्र के घर पर बढ़ी हलचल
मालूम हो कि सोमवार सुबह 11:40 के आसपास धर्मेंद्र के घर के बाहर पुलिस सुरक्षा की हलचल दिखनी शुरू हुई. 12:50 पर एम्बुलेंस घर से पवनहंस श्मशान भूमि के लिए निकली और दोपहर 1:20 पर धर्मेंद्र को मुखाग्नि दे दी गई. इस बीच 1.10 मिनट पर न्यूज एजेंसी IANS ने धरम पाजी के निधन के खबर ब्रेक की. जब तक यह खबर और तेजी से फैलती, तब तक धरम पाजी का पार्थिव शरीर इस लोक के पार जा चुका था. इस बीच सरकार, प्रशासन तक खबर पहुंचने और सरकारी आदेश जारी करने से लेकर राजकीय सम्मान की तैयारियों का पर्याप्त समय शायद ना मिल पाया.
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