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This Article is From Jul 14, 2016

विदेश मंत्रालय की चेतावनी के बावजूद साउथ सूडान से लौटने को तैयार नहीं सैकड़ों भारतीय

विदेश मंत्रालय की चेतावनी के बावजूद साउथ सूडान से लौटने को तैयार नहीं सैकड़ों भारतीय
नई दिल्ली: दक्षिणी सूडान में फंसे करीब 600 भारतीयों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए भारत सरकार ने दो सी 17 एयरक्राफ्ट तो भेज दिए लेकिन बहुत से भारतीय लौटने को तैयार नहीं हैं। दरअसल वहां सीज़फायर के बाद हालात कुछ सुधरते नज़र आ रहे हैं ऐसे में वहां काम कर रहे भारतीयों के सामने दुविधा की हालत पैदा हो गई है। दुविधा इस बात की कि देश लौट गए तो रोज़ी रोटी का क्या होगा?

नस्ली हिंसा में बड़े पैमाने पर जानमाल की क्षति
बताया जाता है कि 600 में से 300 भारतीयों ने वापस लौटने के लिए अपना पंजीकरण कराया था। सूत्रों के मुताबिक इन 300 में से भी बहुत से लौटने के बारे में दुबारा सोच रहे हैं। राजधानी में 450 भारतीय हैं जबकि 150 देश के अलग-अलग हिस्सों में रहते हैं। भारतीय विदेश मंत्रालय पहले ही भारतीयों को आगाह कर चुका है कि यहां रहना खतरे से खाली नहीं। वहां जारी नस्ली हिंसा में बड़े पैमाने पर जानमाल की क्षति हुई है।

हालात बिगड़ने पर वतन वापसी में होगी परेशानी
विदेश राज्यमंत्री वीके सिंह खुद बचाव दल की अगुवाई कर रहे हैं। दल में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज लगातार अपने ट्वीट्स के जरिए लोगों से लौट आने की अपील कर रहीं है। उनका कहना है कि अगर हालत बदतर हुए तो फिर भारतीयों को निकालना संभव नहीं होगा।

एक हवाईजहाज ने 143 लोगों को लेकर उड़ान भरी
इस बीच विदेश मंत्रालय से मिली जानकारी के मुताबिक पहला सी 17 एयरक्राफ्ट 143 भारतीयों को लेकर उड़ान भर चुका है। इसमें 10 महिलाएं और तीन नवजात हैं। यह पहले एंटेबे में रिफ्यूलिंग के लिए उतरेगा, फिर तिरुअनंतपुरम होते हुए 15 जुलाई को सुबह सात बजे के आसपास दिल्ली पहुंचेगा।

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