"लोकतंत्र अनुमति देता है...": पंजाब में किसानों के विरोध प्रदर्शन पर बोले अमृतसर से BJP उम्मीदवार

सत्तारूढ़ दल अमृतसर को वापस जीतने के लिए उत्सुक है. भाजपा के लिए नवजोत सिंह सिद्धू ने 2009 में आखिरी बार यहां से जीत हासिल की थी. इसके बाद से पार्टी यह सीट जीतने में नाकाम रही है. सिद्धू अब कांग्रेस में हैं और इस सीट का प्रतिनिधित्व पार्टी के सदस्य गुरजीत सिंह औजला कर रहे हैं.

हाल ही में बीजेपी पार्टी में शामिल हुए हैं तरनजीत सिंह

चंडीगढ़:

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने पूर्व राजनयिक तरनजीत सिंह संधू को अमृतसर लोकसभा सीट से मैदान पर उतारा है. चुनाव प्रचार के लिए अमृतसर जिले के दो गांवों में दौरे के दौरान तरनजीत सिंह के काफिले को किसानों के विरोध का सामना करना पड़ा. अजनाला तहसील के गंगोमहल और कल्लोमहल गांवों में किसानों ने सड़कों के दोनों ओर से काले झंडे दिखाए और संधू के काफिले के गुजरने के दौरान उनके खिलाफ नारे लगाए. 

संधू से जब इस विरोध प्रदर्शन पर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि लोकतंत्र सभी को अभिव्यक्ति की आजादी देता है. वही लोकतंत्र जो उन्हें विरोध करने की अनुमति देता है, वही मुझे अपना अभियान चलाने की भी अनुमति देता है. हमारे पास किसानों की आय बढ़ाने की योजना है.

विरोध कर रहे एक किसान ने कहा, "भाजपा सत्ता में वापस आना चाहती है और प्रचार कर रही है. हम उन्हें अपने गांवों में प्रचार करने की अनुमति नहीं देंगे और उनका कड़ा विरोध करेंगे."

उत्तर पश्चिम दिल्ली के सांसद और लोकप्रिय गायक हंस राज हंस, जिन्हें भाजपा ने फरीदकोट से चुनाव मैदान में उतारा है, को भी हाल ही में किसानों के विरोध का सामना करना पड़ा.

हाल ही में पार्टी में शामिल हुए हैं  तरनजीत सिंह

अमेरिका में भारत के पूर्व राजदूत तरनजीत सिंह संधू मार्च में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हुए हैं. भाजपा पंजाब में बहुसंख्यक सिखों के बीच अपना समर्थन व्यापक बनाने के लिए ठोस प्रयास कर रही है और उसे उम्मीद है कि लोकसभा चुनावों में राज्य में इसका प्रभाव दिखेगा.

सत्तारूढ़ दल अमृतसर को वापस जीतने के लिए उत्सुक है. भाजपा के लिए नवजोत सिंह सिद्धू ने 2009 में आखिरी बार यहां से जीत हासिल की थी. इसके बाद से पार्टी यह सीट जीतने में नाकाम रही है. सिद्धू अब कांग्रेस में हैं और इस सीट का प्रतिनिधित्व पार्टी के सदस्य गुरजीत सिंह औजला कर रहे हैं.

भाजपा के दिवंगत नेता अरुण जेटली और हरदीप सिंह पुरी को क्रमशः 2014 और 2019 में अमृतसर से हार का सामना करना पड़ा था. पुरी केंद्र सरकार में मंत्री हैं.

पार्टी का मानना है कि संधू अमृतसर के ही हैं और एक सम्मानित जाट सिख परिवार से आते हैं. कांग्रेस से यह सीट छीनने में संधू उसके लिए अच्छा दांव साबित हो सकते हैं.

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