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दिल्‍ली में सांसों का संघर्ष... हवा फिर हुई 'जहरीली', AQI 400 के पार

दिल्‍ली में रविवार को एक्‍यूआई 400 के पार पहुंचा हुआ है. दो दिनों तक राहत मिलने के बाद शनिवार को दिल्ली की हवा फिर से खराब होकर 'गंभीर' श्रेणी में पहुंच गई और एक्यूआई 400 पार कर गया.

दिल्‍ली में सांसों का संघर्ष... हवा फिर हुई 'जहरीली', AQI 400 के पार
दिल्ली का AQI एक बार फिर ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंची, एक्यूआई 400 के पार दर्ज किया गया
नई दिल्‍ली:

दिल्‍ली में सांसों का संघर्ष अभी जारी है... वायु प्रदूषण का स्‍तर कम होने का नाम नहीं ले रहा है. देश की राजधानी में कई इलाकों में रविवार को भी एयर क्‍वालिटी इंडेक्‍स 400 के पार बना हुआ है. ऐसे में दिल्‍ली की आबोहवा में सांस लेना मुश्किल हो रहा है. दिल्ली का एक्‍यूआई शनिवार को भी 'गंभीर' श्रेणी में था. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली का एक्‍यूआई 20 दिनों से अधिक समय से 'गंभीर श्रेणी' में बना हुआ है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, अलीपुर, आनंद विहार, अशोक विहार, बवाना, चांदनी चौक, डीटीयू, द्वारका, जहांगीरपुरी, मंदिर मार्ग, नरेला, नेहरू नगर, पटपड़गंज, रोहिणी, पंजाबी बाग, वजीरपुर और मुंडका सहित 20 निगरानी स्टेशनों में ज्‍यादातर में एक्यूआई 400 से ऊपर दर्ज किया गया, जो कि गंभीर श्रेणी में आता है.

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दिल्‍ली की हवा अब भी जहरीली 

दिल्‍ली के आनंद विहार रविवार सुबह 6 बजे एक्‍यूआई लेवल 416 दर्ज किया गया, जो गंभीर श्रेणी में आता है. वहीं, वजीरपुर में 415, द्वारका में 405, विवेक विहार में 409, अलीपुर में 413 एक्‍यूआई दर्ज किया गया. मध्‍य दिल्‍ली के आईटीओ में रविवार को सुबह 6 बजे एक्‍यूआई 323 दर्ज किया गया, जो 'खराब' श्रेणी में आता है. देश की राजधानी में पिछले काफी दिनों से प्रदूषण का स्‍तर खतरनाक स्थिति में बना हुआ है, जिससे लोगों को काफी पेरशानी का सामना करना पड़ रहा है. इस प्रदूषण में लोगों को आंखों में जलन की समस्‍या सबसे ज्‍यादा देखने को मिल रही है. सीपीसीबी के आंकड़ों के अनुसार, शनिवार शाम चार बजे तक शहर का 24 घंटे का औसत एक्यूआई 412 रहा, जो चिंताजनक है. 

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दिल्ली के पड़ोसी राज्यों में पराली का जलना बड़ी समस्‍या

एक्यूआई के 'गंभीर' श्रेणी में पहुंचने पर गंभीर स्वास्थ्य जोखिम उत्पन्न होता है, विशेष रूप से सूक्ष्म कण पदार्थ (पीएम 2.5) के कारण, जो फेफड़ों में गहराई तक प्रवेश कर सकता है और हमारे रक्तप्रवाह में प्रवेश कर सकता है, जिससे कई स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं. वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए केंद्र की निर्णय सहायता प्रणाली (डीएसएस) ने शनिवार को दिल्ली के प्रदूषण के लिए 16.4 प्रतिशत का कारण वाहनों से निकलने वाले उत्सर्जन को बताया, जो जहरीली हवा के लिए प्रमुख कारण है. दिल्ली के पड़ोसी राज्यों में पराली जलाना प्रदूषण का एक अन्य महत्वपूर्ण स्रोत बना हुआ है. इस बीच, सुबह और शाम के समय शहर में धुंध और धुएं की मोटी परत छाई नजर आ रही है, जिससे दृश्यता कम हो गई है.

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दिल्‍ली से सटे नोएडा-फरीदाबाद में भी AQI 300 के पार

दिल्‍ली से सटे नोएडा और फरीदाबाद में भी एक्‍यूआई 300 के पार बना हुआ है. भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार, शनिवार का तापमान 29.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो इस मौसम के औसत तापमान से तीन डिग्री अधिक है. आईएमडी ने रविवार को मध्यम कोहरे का पूर्वानुमान लगाया है, जिसमें अधिकतम और न्यूनतम तापमान क्रमशः 28 और 12 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने की उम्मीद है.

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बढ़ रहीं सांस संबंधी बीमारियां 

डॉक्‍टर्स का कहना है कि राष्ट्रीय राजधानी में हवा की खराब गुणवत्ता के कारण सांस संबंधी बीमारियां बढ़ गई हैं. हवा की यह खराब गुणवत्ता खासकर उन मरीजों के लिए हानिकारक है, जो पहले से ही फेफड़ों से संबंधित बीमारी से पीड़ित हैं. 'रेस्पिरेटरी मेडिसिन' विभाग की सहायक प्रोफेसर डॉ. अंकिता गुप्ता ने कहा कि वायु प्रदूषण फेफड़ों में कणिकाओं को पहुंचाकर श्वसन संबंधी बीमारियों को बढ़ाता है. इससे सांस लेने में तकलीफ, गले में खराश जैसे लक्षण हो सकते हैं.  डॉ. गुप्ता ने कहा, 'पहले से ही फेफड़ों की बीमारी से पीड़ित मरीजों को अक्सर पूरे साल नियमित दवा लेनी पड़ती है.'

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