नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को लेकर दिल्ली में पुलिस वालों पर हमले का एक वीडियो सामने आया है. यह वीडियो 24 फरवरी को दिल्ली के चांदबाग इलाके का है. जहां पुलिस के हेड कांस्टेबल रतनलाल को गोली मारी गई थी और डीसीपी शाहदरा अमित शर्मा तथा एसीपी गोकुलपुरी अनुज कुमार घायल हुए थे. सीएए के विरोध में लोगों ने 24 फरवरी को चांदबाग में सड़क जाम कर दी थी. जिसके बाद पुलिस उन्हें समझाने और रास्ता खुलवाने के लिए गई थी. इस बीच अचानक पथराव हो गया. लाठी डंडों और हथियारों से लैस भीड़ ने पुलिस को निशाना बनाया. प्रदर्शन में महिलाएं भी शामिल थीं. वीडियो में महिलाएं लाठियां चलातीं हुईं नजर आ रही हैं.
बेकाबू भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे और लाठीचार्ज किया, लेकिन हजारों की भीड़ को काबू करने में नाकाम रही. वीडियो में दिख रहा है कि पुलिसवाले सड़क के बीच में लगी ग्रिल में फंस गए हैं और प्रदर्शनकारी उन पर पथराव कर रहे हैं. पुलिसवालों ने ग्रिल से कूदकर किसी तरह से अपने आपको बचाया. इस बीच डीसीपी शाहदरा अमित शर्मा, एसीपी गोकुलपुरी अनुज कुमार और हेड कांस्टेबल रतनलाल ग्रिल और भीड़ के बीच फंस गए. किसी तरह पुलिसवालों ने उन्हें निकाला लेकिन उसी वक्त किसी ने हेड कांस्टेबल रतनलाल को गोली मार दी और उनकी मौत हो गई.
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— Mukesh singh sengar (@mukeshmukeshs) March 5, 2020
चांगबाग का वो वीडियो जिस वक्त डीसीपी शाहदरा अमित शर्मा ,एसीपी अनुज कुमार घायल हुए,भागते वक्त हेड कॉन्स्टेबल रतनलाल को गोली मारी गई,सड़क जाम किये एंटी सीएए प्रोटेस्टर्स को समझाने गई थी पुलिस,लेकिन फिर क्या हुआ देखिये pic.twitter.com/FzpPukXMdV
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बीते दिनों उत्तर पूर्वी दिल्ली के कई इलाकों में हुई हिंसा के बाद पिछले रविवार को भी दिल्ली के कुछ इलाकों में गड़बड़ी की अफवाह फैलाई थी. हालांकि, पुलिस ने तुरंत मोर्चा संभाल लिया और अधिकारी पूरे दल बल के साथ इलाकों में गश्त शुरू कर लोगों को समझाना शुरू किया. दिल्ली पुलिस की मुस्तैदी ने जल्द ही लोगों को विश्वास दिलाया कि जो बातें फैला रही हैं वह अफवाह है. पुलिस ने लोगों को अफवाहों से बचने के लिए कहा था.
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बता दें कि दिल्ली के उत्तर-पूर्वी इलाके में हुई हिंसा में स्थानीय अपराधियों की बड़ी भूमिका रही है. ऐसे कई लोगों की पहचान भी की जा चुकी है और कई गिरफ्तार भी किये गए हैं. अपराधियों के यहां से अवैध हथियार और कारतूस भी बरामद हो रहे हैं जिनका जमकर इस्तेमाल हुआ. दिल्ली हिंसा में अब तक 48 लोगों की मौत हुई है और सैकड़ों लोग हुए हैं.
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