दिल्ली यूनिवर्सिटी में एडमिशन को लेकर चल रही खींचतान अभी खत्म नहीं हुई है हालांकि डीयू ने अब बीच का एक रास्ता निकालने की कोशिश की है। इसके तहत दिल्ली यूनिवर्सिटी एक प्रस्ताव पर विचार कर रही है, जो उसे कुछ गणमान्य लोगों की तरफ से मिला है। इसमें क्या खास बातें हैं, जानते हैं-
-चार साल के बीटेक जैसे तकनीकी कोर्स में कोई छेड़छाड़ नहीं होगी। इसके अलावा मौजूदा चार साल के कोर्स को तीन साल के ऑनर्स में बदला जा सकता है।
-तीन साल में ऑनर्स डिग्री वाले कोर्स की संख्या 17 तक की जा सकती है।
-फाउंडेशन कोर्स की संख्या घटाई जा सकती है और इसे सिर्फ पहले साल तक ही रखा जा सकता है।
-यूनिवर्सिटी अपनी तरफ से शोध से जुड़े चौथे साल का कोर्स शुरू कर सकती है।
-अगर इसके लिए सभी जरूरी संस्थाओं की हरी झंडी ली जाए।
डीयू ने यह भी साफ करने की कोशिश की है कि अगर उसके प्रस्ताव पर यूजीसी की हरी झंडी मिलती है तो उसे लागू करने में ज्यादा दिक्कत नहीं आएगी और वक्त की बर्बादी भी नहीं होगी हालांकि इस पूरी प्रेस कॉन्फ्रेंस से कोई साफ बात निकलकर सामने नहीं आई। सिर्फ यह कहा गया कि छात्रों को दोबारा एडमिशन लेने की जरूरत नहीं होगी।
इससे पहले छात्रों के एक गुट ने दाखिले में हो रही देरी और वीसी के रवैये के खिलाफ आज राष्ट्रपति भवन तक मार्च निकालने की कोशिश की। यह उस अल्टीमेटम का जवाब है जो कि बुधवार शाम यूजीसी ने डीयू को जारी किया था।
इससे पूर्व विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने बुधवार रात दिल्ली विश्वविद्यालय को नया फरमान सुनाया था और चार वर्ष के स्नातक कार्यक्रम को समाप्त करते हुए गुरुवार से स्नातक कक्षाओं की प्रवेश प्रक्रिया शुरू करने को कहा था।
डीयू और यूजीसी के अधिकारियों के बीच लंबे विचार-विमर्श के बाद यूजीसी ने दिशानिर्देश जारी किए गए थे। यूजीसी ने दावा किया है कि डीयू के 64 कॉलेजों में से 57 ने उसके दिशानिर्देश को स्वीकार किया है, लेकिन प्रवेश प्रक्रिया को लेकर संदेह बरकरार है, क्योंकि कॉलेजों का मानना है कि उनके पास सक्षम प्राधिकार से स्पष्ट दिशानिर्देश होने चाहिए।
This Article is From Jun 26, 2014
डीयू ने यूजीसी को नया प्रस्ताव भेजा, एडमिशन विवाद सुलझने के आसार
- Reported by: From NDTV India
- India
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जून 26, 2014 15:52 pm IST
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Published On जून 26, 2014 09:35 am IST
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Last Updated On जून 26, 2014 15:52 pm IST
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नई दिल्ली: