नई दिल्ली:
सरकार दिल्ली में सेवाओं और अधिकारियों की पोस्टिंग पर नियंत्रण के लिए आज संसद में एक विधेयक पेश करने की तैयारी में है, जिससे विपक्ष के साथ टकराव की स्थिति बन सकती है. वहीं, मणिपुर हिंसा को लेकर भी संसद में हंगामे के आसार हैं.
- राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक, भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के खिलाफ एकजुट विपक्ष के लिए एक संग्राम स्थल बन गया है.
- दिल्ली सरकार में वरिष्ठ अधिकारियों के तबादलों और पोस्टिंग के लिए एक प्राधिकरण बनाने के अध्यादेश को बदलने के लिए विधेयक का मसौदा सांसदों के बीच वितरित किया गया है.
- दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी (आप), जो विपक्षी गठबंधन इंडिया का हिस्सा है, ने बिल के खिलाफ कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल भी इस बिल के विरोध में उतर आए हैं.
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से संसद में मणिपुर संघर्ष पर बोलने की विपक्ष की मांग से संसद की कार्यवाही पिछले कई दिनों से प्रभावित होती रही है. विपक्षी नेता अब भी इसी बात पर अड़े हुए हैं.
- गृह मंत्री अमित शाह ने साफ कहा है कि वह मणिपुर मामले पर संसद में चर्चा का जवाब देने के लिए तैयार हैं, लेकिन विपक्ष इस मुद्दे पर बात करने से भाग रहा है. उन्होंने विपक्ष से हाथ जोड़कर इस मुद्दे पर बहस करने की अपील की है.
- विपक्ष ने अमित शाह के प्रस्ताव को ठुकरा दिया, और संसद में मणिपुर हिंसा पर पीएम मोदी को बोलने के लिए आखिरी प्रयास के रूप में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया है.
- विपक्ष ऐसे समय में अपने विधायी एजेंडे पर आगे बढ़ने के सरकार के रुख से परेशान है, जब लोकसभा अध्यक्ष ने अविश्वास प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है.
- सरकार ने लोकसभा में विचार और पारित करने के लिए 13 मसौदा कानूनों को सूचीबद्ध किया है, जबकि अविश्वास प्रस्ताव लाने का नोटिस सदन के समक्ष लंबित है.
- संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने विपक्ष को चुनौती दी कि अगर उन्हें लगता है कि उनके पास लोकसभा में संख्या है, तो वे सदन में सरकारी विधेयकों को रोकें. मंत्री ने शुक्रवार को कहा, "वे अचानक अविश्वास प्रस्ताव लाए हैं. क्या इसका मतलब यह है कि कोई सरकारी कामकाज नहीं होना चाहिए? अगर उनके पास संख्या है, तो उन्हें सदन के पटल पर विधेयकों को हराना चाहिए."
- नवगठित विपक्षी समूह इंडिया के सदस्य, जो पिछले दो दिनों में हिंसा प्रभावित मणिपुर गए थे, आज सदन में मोदी सरकार पर हमला करने के लिए और अधिक 'मसाला' ला सकते हैं.