2020 में हुए दिल्ली दंगा मामले (Delhi Riots Case) में JNU के पूर्व छात्र उमर खालिद ने UAPA मामले में अपनी जमानत याचिका वापस ले ली है. सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई याचिका को उमर खालिद ने वापस ले लिया है. इस बारे में खलीद के वकील कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि वह परिस्थितियां बदलने के कारण अपनी जमानत याचिका को वापस ले रहे हैं. इस मामले में वो अब नए सिरे से ट्रायल कोर्ट में याचिका दर्ज करेंगे.
जस्टिस बेला एम त्रिवेदी और जस्टिस पंकज मिथल की बेंच ने उमर खालिद की जमानत याचिका वापस लेने की अर्जी को मंजूरी दे दी है. बता दें कि इससे पहले भी सुप्रीम कोर्ट में कई बार खालिद की जमानत याचिका पर सुनवाई टल चुकी है.
बता दें सितंबर 2020 में दिल्ली पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए उमर खालिद ने इस आधार पर जमानत मांगी थी कि हिंसा में उसकी न तो कोई आपराधिक भूमिका थी और न ही मामले में किसी अन्य आरोपी के साथ कोई संबंध था. हालांकि, दिल्ली पुलिस ने हाई कोर्ट में उमर खालिद की जमानत याचिका का विरोध किया था. इस बारे में बात करते हुए पुलिस ने कहा था कि खालिद द्वारा दिया गया भाषण बेहद उत्तेजित करने वाला था. उन्होंने अपने भाषण में बाबरी मस्जिद, तीन तलाक, कश्मीर, मुसलमानों के दमन और सीएए और एनआसी जैसे विवादास्पद मुद्दों को उठाया था.
खालिद के खिलाफ दंगों की साजिश रचने के आरोप में गैरकानूनी गतिविधियां निवारण अधिनियम और भारतीय दंड संहिता की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था. गौरतलब है कि दिल्ली में हुए दंगों में 53 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 700 से अधिक लोग घायल हो गए थे.
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