दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने गुरुवार को सरकार के स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान राष्ट्रीय ध्वज फहराने के लिए दिल्ली के गृह मंत्री कैलाश गहलोत को चुना है. कैलाश गहलोत को ये जिम्मेदारी इसीलिए दी गई है कि क्योंकि कथित शराब नीति मामले में सीबीआई द्वारा गिरफ्तारी के बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जेल में हैं, जो आम तौर पर समारोहों का नेतृत्व करते हैं.
एलजी वीके सक्सेना के गहलोत को चुनने के बाद सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी और राज्यपाल के बीच विवाद एक बार फिर से बढ़ सकता है.
मंगलवार शाम को जारी एक बयान में एलजी कार्यालय ने कहा कि झंडोत्तोलन के लिए कैलाश गहलोत को नामित किया गया है, क्योंकि दिल्ली पुलिस राष्ट्रीय ध्वज फहराने के बाद औपचारिक मार्च-पास्ट परेड कंडक्ट करती है और उससे संबंधित मामले गृह विभाग और पुलिस को सौंपे गए हैं
सक्सेना ने कहा, "इन बातों को ध्यान में रखते हुए, उपराज्यपाल को राज्य स्तरीय स्वतंत्रता दिवस समारोह में राष्ट्रीय ध्वज फहराने के लिए गृह मंत्री कैलाश गहलोत को नामित करने में प्रसन्नता हो रही है."
"केजरीवाल का फैसला कानूनी तौर पर अवैध"
सीएम केजरीवाल ने इस संबंध में उपराज्यपाल वीके सक्सेना को भी लिखा था, लेकिन उनके कार्यालय ने कहा कि उन्हें कोई मैसेज नहीं मिला. तिहाड़ जेल अधिकारियों ने बाद में केजरीवाल को बताया कि उनका पत्र दिल्ली जेल नियमों के तहत उन्हें दिए गए विशेषाधिकारों का दुरुपयोग था और सक्सेना को नहीं भेजा गया था.
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