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This Article is From Feb 23, 2023

भाजपा और AAP के लिए स्टैंडिंग कमेटी क्यों अहम? अरविंद केजरीवाल को होगा डर कहीं...!

स्टैंडिंग कमेटी का चुनाव अब शुक्रवार को (कल) होगा. भारी हंगामे के चलते आज दिल्ली नगर निगम की कार्यवाही शुक्रवार तक के लिए स्थगित की दी गई.  

भाजपा और AAP के लिए स्टैंडिंग कमेटी क्यों अहम? अरविंद केजरीवाल को होगा डर कहीं...!
स्टैंडिंग कमेटी निगम की सबसे ताकतवर कमेटी होती है.
नई दिल्‍ली:

दिल्ली नगर निगम (MCD) की स्थायी समिति के छह सदस्यों के चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी और आम आदमी पार्टी आमने-सामने हैं. आखिर, भाजपा और AAP के लिए स्टैडिंग कमेटी क्यों अहम हैं? कई लोगों के जेहन में ये सवाल उठ रहा होगा, तो बता दें कि स्‍टैंडिंग कमेटी निगम की सबसे ताकतवर कमेटी होती है. ऐसे में भाजपा और आप दोनों चाहते हैं कि स्‍टैंडिंग कमेटी पर उसका वर्चस्‍व हो. स्टैंडिंग कमेटी का चुनाव अब शुक्रवार को (कल) होगा. भारी हंगामे के चलते आज दिल्ली नगर निगम की कार्यवाही शुक्रवार तक के लिए स्थगित की दी गई.  

स्‍टैंडिंग कमेटी निगम की ताकत...
स्टैंडिंग कमेटी निगम की सबसे ताकतवर कमेटी होती है. इसके पास कई महत्वपूर्ण वित्तीय और प्रशासनिक अधिकार होते हैं. स्टैंडिंग कमेटी की बैठक हर हफ्ते होती है. लगभग सभी महत्वपूर्ण मामले इस कमेटी से पास होकर फिर मेयर की अध्यक्षता वाले सदन में जाते हैं. ऐसे में आम आदमी पार्टी चाह रही है कि स्‍टैंडिंग कमेटी में भी उसका वर्चस्‍व रहे, ताकि वह जो भी प्रस्‍ताव लाए उसे पास होने में कोई परेशानी न हो.

AAP को डर कहीं...
आम आदमी पार्टी ने एमसीडी चुनाव जीत लिया, अब मेयर और डिप्‍टी मेयर भी उन्‍हीं की पार्टी का चुना गया है. हालांकि, अगर स्‍टैंडिंग कमेटी में आप के भाजपा के मुकाबले कम सदस्‍य रहे, तो सारे किये कराए पर पानी फिर जाएगा. इसे ऐसा समझा जा सकता है कि अगर 18 सदस्यों वाली स्टैंडिंग कमेटी में भाजपा के ज्यादा लोग होंगे, तो आम आदमी पार्टी को अपने प्रस्ताव पास करवाने में दिक्कत होगी. इसीलिए स्टैंडिंग कमेटी के लिए अब आदमी पार्टी और बीजेपी के बीच सियासी जंग छिड़ी है.

ऐसे बिगड़ी सदन की स्थिति और हुई मारपीट
गुरुवार से पहले बुधवार को भी सदन में भारी शोर-शराबे के कारण काम नहीं हो पाया. महापौर के निर्वाचन के कुछ घंटों बाद यह स्थिति उत्पन्न हुई. आम आदमी पार्टी (आप) की शैली ओबरॉय के महापौर और आप के ही आले मोहम्मद इकबाल के उपमहापौर निर्वाचित होने के बाद सदन की कार्यवाही एक घंटे के लिए स्थगित कर दी गयी. जब एक घंटे बाद कार्यवाही शुरु नहीं हुई, तब भाजपा पार्षद शिखा राय ने निगम सचिव से देरी की शिकायत की. बैठक शाम करीब सवा छह बजे फिर शुरू हुई और स्थायी समिति के छह सदस्यों के चुनाव की प्रक्रिया शुरू हुई. जब महापौर ने मतदान क्षेत्र में मोबाइल फोन ले जाने की अनुमति दी, जब भाजपा सदस्यों ने विरोध किया. उनमें कई आसन के समीप आ गये और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ नारे लगाने लगे. महापौर ने करीब छह बजकर 35 मिनट पर सदन स्थगित कर दिया, लेकिन तबतक कई सदस्य मतदान कर चुके थे. सात बजकर 40 मिनट पर महापौर ने सदस्यों से कहा कि जिनके पास मतपत्र हैं वे लौट आयें और तभी वह निर्णय लेंगी.

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