दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने शराब घोटाला मामले में अपनी गिरफ्तारी और सीबीआई जांच के तरीके को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. मनीष सिसोदिया की ओर से अभिषेक मनु सिंघवी ने पैरवी करते हुए सुप्रीम कोर्ट से याचिका पर जल्द सुनवाई की मांग की. मुख्य न्यायाधीश ने अभिषेक सिंघवी को सुनने के बाद पूछा कि वे सीधे सुप्रीम कोर्ट आने से पहले उच्च न्यायालय क्यों नहीं गए. इसपर सिंघवी ने विनोद दुआ मामले के सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला दिया. इसके बाद चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि वे मामले की सुनवाई दोपहर 3:50 बजे करेंगे.
सिसोदिया का कहना है कि जब वो सीबीआई जांच में सहयोग कर रहे थे, तो उनकी गिरफ्तारी क्यों की गई. बता दें मनीष सिसोदिया को एक विशेष अदालत ने सोमवार को पांच दिन के लिए केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की हिरासत में भेज दिया. जांच एजेंसी ने आम आदमी पार्टी (आप) के नेता को विशेष अदालत में पेश किया था और उन्हें पांच दिन के लिए उसकी हिरासत में सौंपने का अनुरोध किया था. इसके बाद, विशेष न्यायाधीश एम.के. नागपाल ने सिसोदिया को चार मार्च तक के लिए सीबीआई की हिरासत में भेज दिया.
न्यायाधीश ने कहा था कि हालांकि आरोपी इस मामले में पहले दो मौकों पर जांच में शामिल हुए हैं, लेकिन यह भी देखा गया है कि वह जांच एवं पूछताछ के दौरान किए गए अधिकतर प्रश्नों के संतोषजनक उत्तर नहीं दे पाए. उन्होंने कहा कि सिसोदिया अब तक की गई जांच के दौरान कथित रूप से उनके खिलाफ पाए गए आपत्तिजनक सबूतों के संबंध में उचित स्पष्टीकरण देने में विफल रहे हैं.
अदालत ने कहा, ‘‘उनके (सिसोदिया के) कुछ अधीनस्थों ने कुछ तथ्यों का खुलासा किया है जिन्हें उनके खिलाफ आरोप के रूप में लिया जा सकता है और उनके खिलाफ कुछ दस्तावेजी सबूत भी सामने आ चुके हैं.''
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न्यायाधीश ने कहा, ‘‘उचित और निष्पक्ष जांच के लिए आवश्यक है कि उनसे पूछे गए सवालों के उचित एवं वैध जवाब मिलें और इसलिए इस अदालत की राय में यह आरोपी की हिरासत में पूछताछ से ही संभव है.''
उन्होंने कहा, ‘‘तथ्यों और परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए, आरोपी को आगे और विस्तृत पूछताछ के लिए पांच दिन की अवधि यानी चार मार्च, 2023 तक के लिए सीबीआई की हिरासत में भेजा जाता है.''
राउज एवेन्यू अदालत परिसर के अंदर और बाहर सुरक्षा के कड़े प्रबंध किये गये थे.
सीबीआई ने 2021-22 की आबकारी नीति (अब रद्द की जा चुकी) को लागू करने में कथित भ्रष्टाचार के सिलसिले में रविवार शाम सिसोदिया को गिरफ्तार किया था.
अदालत में एक घंटे से अधिक समय तक चली सुनवाई के दौरान, सिसोदिया के वकील ने कहा कि उपराज्यपाल ने आबकारी नीति में बदलावों को मंजूरी दी थी, लेकिन केंद्रीय जांच एजेंसी निर्वाचित सरकार के पीछे पड़ी हुई है.
आप नेता के वकील ने दलील दी, ‘‘मैं कोई निर्णय नहीं ले सकता. इसे उपयुक्त प्राधिकार द्वारा मंजूरी दी जानी होती है.'' सिसोदिया ने दावा किया कि उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं है और उनकी रिमांड के लिए सीबीआई के अनुरोध का विरोध किया.
सिसोदिया के वकील ने उनका पक्ष रखते हुए अदालत से कहा, ‘‘मैं वित्त मंत्री हूं. मुझे बजट पेश करना है...कल ऐसा क्या बदल गया कि वित्त मंत्री को हिरासत में रखना है? क्या वह आगे उपलब्ध नहीं रहेंगे? या यह गिरफ्तारी छिपे हुए मकसद को लेकर की गई? यह मामला एक व्यक्ति और संस्था पर हमला है.'' (भाषा इनपुट के साथ)
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