दिल्ली के उपराज्यपाल (एलजी) विनय कुमार सक्सेना ने मंगलवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखकर उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) के आरोपों को गलत बताते हुए कहा है कि वह भाजपा का पक्ष ले रहे हैं. मनीष सिसोदिया ने अस्पताल बनाने में कथित भ्रष्टाचार के मामले में 22 जून को उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना को चिट्ठी लिखी थी. दरासल सिसोदिया ने कोविड-19 महामारी के दौरान सात अस्थायी अस्पतालों के निर्माण में कथित अनिमियतता की जांच भ्रष्टाचार रोधी शाखा (एसीबी) से कराने की इजाजत देने के सिलसिले में कुछ दिन पहले एलजी को एक चिट्ठी भेजकर उनपर भाजपा का पक्ष लेने का इल्ज़ाम लगाया था.
इस पर एलजी विनय कुमार सक्सेना ने जवाब दिया है. उपराज्यपाल ने केजरीवाल को लिखा कि यह बहुत दुखद और हैरान करने वाला है कि उपमुख्यमंत्री ने जो बयान दिए वह तथ्यात्मक और कानूनी रूप से गलत हैं. पीडब्ल्यूडी अधिकारी के खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायत मामले में जांच की इजाजत सावधानी पूर्वक परीक्षण के बाद दी गई. यह इजाजत प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट के अनुरूप है. उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया का यह कहना कि पिछले उपराज्यपाल ने गहन जांच के बाद इस मामले को बंद कर दिया था, अजीब लगता है. उन्होने कहा कि फाइल नोटिंग से पता चलता है कि यह मामला कभी भी बंद नहीं किया गया था. इसलिए यह कहना कि इस मामले को फिर से खोला गया है ये पूर्णतः गलत है.
उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने लिखा कि यह आम जनता को गुमराह करने का उप मुख्यमंत्री का प्रयास प्रतीत होता है. मैं चाहूंगा कि आप अपने मंत्रियों को सलाह दें कि ऐसी बिना सबूत की और बेमतलब की बातों से बचें जोकि गुमराह करने वाली और व्यवधान पैदा करने वाली हैं.
लेकिन मौजूदा उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने पद संभालने के कुछ ही दिनों के भीतर इस मामले की जांच करने की अनुमति भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (ACB) को दे. अस्पताल बनाने में कथित भ्रष्टाचार मामले की जांच एसीबी को दिए जाने से दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया नाराज नजर आए और उन्होंने कहा कि हम किसी जांच से नहीं डरते लेकिन इस मामले के अंदर उपराज्यपाल ने नियम कानून का पालन नहीं किया. मनीष सिसोदिया ने अपनी दो आपत्तियां दर्ज करवाई और उपराज्यपाल को चिट्ठी लिखी है.
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