दिल्ली में प्रदूषण को लेकर दिल्ली सरकार के मंत्रियों की बैठक खत्म हो गई है. GRAP के नियम लागू करने में लापरवाही को लेकर प्रशासनिक अधिकारियों से सरकार नाराज है. दिल्ली में अलग- अलग जगह दिल्ली सरकार के सभी मंत्री ग्राउंड में उतरेंगे. दिल्ली सरकार के मंत्री गोपाल राय ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके जानकारी दी कि पिछले कई दिनों से खबर आ रही थी कि GRAP नियमों का सख्ती से पालन नहीं हो रहा. आज सभी मंत्रियों की बैठक की. कैसे सभी मंत्रियों के तहत आने वाले विभाग को सक्रिय किया जाए. प्रशासनिक लापरवाही से मंत्री नाराज़, अब ग्राउंड जीरो पर मंत्री उतरेंगे, रियलिटी चेक करेंगे. ग्राउंड विजिट करेंगे और ज़िले के हिसाब से सबकी ज़िम्मेदारी तय हुई है.
मंत्रियों को इन इलाकों की दी गई जिम्मेदारी
गोपाल राय- नार्थ, नार्थ ईस्ट
कैलाश गहलोत- साउथ वेस्ट, वेस्ट
आतिशी- ईस्ट और साउथ ईस्ट
सौरभ भारद्वाज- साउथ, नई दिल्ली
राजकुमार आनंद- नार्थ वेस्ट
इमरान हुसैन- सेंट्रल, शाहदरा
ग्राउंड पर जाकर विज़िट करेंगे मंत्री
ये मंत्री प्रदूषण की ड्यूटी से जुड़े अधिकारियों को आदेश देंगे और ख़ुद भी ग्राउंड पर जाकर विज़िट करेंगे. ये विज़िट ख़ासतौर पर दिल्ली के बॉर्डर पर होंगे, साथ की कंस्ट्रक्शन साइट्स पर भी विज़िट होंगे, क्योंकि कई जगह काम बंद होने के बाद भी डस्ट कंट्रोल के नियम लागू नहीं किए गए हैं. अधिकारियों को भी आदेश दिया गया है कि निरीक्षण करें. कल परसों में उम्मीद है कि बादल होंगे, लेकिन बारिश होगी या नहीं यह कहना मुश्किल है. ऐसे में हमारी कोशिश है कि नियमों को लागू करेंगे.
क्या अधिकारी मंत्रियों के साथ कॉर्डिनेशन में काम करेंगे?
इस पर गोपाल राय ने कहा कि जब से केंद्र सरकार ने दिल्ली पर एक क़ानून बनाकर शक्तियों को छीना है तब से परिस्थिति विपरीत है और उसका सबसे बड़ा उदाहरण है स्मोग टावर. अधिकारी ने जिन कारणों के आधार पर स्मॉग टावर बंद कर दिया वो सब सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले के बाद हवा हो गए.
हो सकती है कृत्रिम बारिश!
दिल्ली में प्रदूषण को कम करने के लिए कृत्रिम बारिश का सहारा लेने के बारे में सोचा जा रहा है. पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने IIT कानुपर की टीम के साथ बैठक बुलाई है. इससे पहले भी एक बार 2018 में कृत्रिम बारिश की योजना बनाई गई थी, IIT कानपुर के प्रोफ़ेसर्स ने तैयारी भी कर ली थी, लेकिन मौसम अनुकूल ना होने की वजह से ये संभव नहीं हो पाया. अब फिर ये संभावना बन रही है कि दिल्ली में कृत्रिम बारिश की जाए.
गौरलतब है कि दिल्ली-NCR में प्रदूषण की मार कम होती नहीं दिख रही. आज भी दिल्ली में AQI 400 के पार यानी खतरनाक श्रेणी में बना हुआ है. ग्रेटर नोएडा में AQI 450 के पार है, जबकि नोएडा में 400 के करीब है. दिल्ली और आसपास के कई शहर देश के 10 सबसे प्रदूषित इलाकों में शुमार हैं. इधर, दिल्ली में अब दूसरे शहरों से आने वाली ऐप आधारित टैक्सी पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है. अब दिल्ली में रजिस्टर्ड कैब ही चल सकेंगी.
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