दिल्ली की सेवा मंत्री आतिशी ने दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC)के अध्यक्ष अश्विनी कुमार पर शहर में प्रदूषण पर मंत्रिमंडल के फैसले को ‘पलटने' का आरोप लगाया. आतिषी ने बुधवार को कहा कि उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए मामला एनसीसीएसए को भेजा जाएगा.
आतिशी ने पर्यावरण मंत्री गोपाल राय के साथ संयुक्त प्रेस वार्ता में कहा, “मामला अब राष्ट्रीय राजधानी लोक सेवा प्राधिकरण (एनसीसीएसए) और उपराज्यपाल को भेजा जाएगा, जो अंतिम निर्णय लेंगे। मुझे उम्मीद है कि उपराज्यपाल दो करोड़ दिल्लीवासियों के सर्वोत्तम हित में निर्णय लेंगे।”
आतिशी ने आरोप लगाया कि कुमार ने 'संबंधित मंत्री से सलाह-मशविरा किए बिना ही एकतरफा तरीके से कैबिनेट के फैसले को पलट दिया.” कुमार प्रधान सचिव (गृह) भी हैं. कुमार की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया उपलब्ध नहीं हुई. राय ने उनके निलंबन की सिफारिश की है.
आतिशी के अनुसार, जुलाई 2021 में दिल्ली कैबिनेट ने शहर में प्रदूषण के स्रोतों की पहचान करने के लिए वास्तविक समय विभाजन अध्ययन करने का निर्णय लिया था. इस अध्ययन के लिए आईआईटी कानपुर को ‘द एनर्जी एंड रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट' (टेरी) और भारतीय शिक्षा विज्ञान व अनुसंधान संस्थान (आईआईएसईआर) जैसे संस्थानों के साथ साझेदार के रूप में चुना गया था.
उन्होंने बताया कि अध्ययन के लिए नवंबर 2022 में एक प्रयोगशाला स्थापित की गई. पिछले साल हुए अध्ययन से पता चला है कि शहर में प्रदूषण का एक प्रमुख स्रोत सुरक्षा गार्ड और अन्य लोगों द्वारा अंगीठी का उपयोग करना है. आतिशी ने कहा, इसके अतिरिक्त, अध्ययन में पाया गया कि विभिन्न सर्वाधिक प्रदूषक स्थलों में प्रदूषण के अलग-अलग स्रोत हैं.
अध्ययन की लागत 12 करोड़ रुपये थी जिसमें उपकरण खरीदने के लिए 10 करोड़ रुपये और अध्ययन करने के लिए दो करोड़ रुपये थे. मंत्री ने कहा कि जब शहर में प्रदूषण स्तर बढ़ रहा है तब डीपीसीसी प्रमुख ने मंत्रिमंडल के फैसले को ‘पलट' दिया है और प्रयोगशाला के संचालन को रोक दिया है. उन्होंने कहा कि भुगतान लंबित है और 10 करोड़ रुपये मूल्य के उपकरण बेकार पड़े हैं.
आतिशी ने कहा कि डीपीसीसी मंत्रिमंडल की इजाज़त के बिना अध्ययन को कैसे रोक सकती है और आरोप लगाया कि जब से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) अधिनियम 2023 पारित हुआ है, तब से दिल्ली सरकार के अधिकारी जन कल्याण के कार्यों में रोड़े अटका रहे हैं.
कुमार एनसीसीएसए के सदस्य सचिव भी हैं. इस प्राधिकरण के अध्यक्ष दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल हैं. दिल्ली के मुख्य सचिव प्राधिकरण के तीसरे सदस्य हैं.
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