नई दिल्ली:
दोषियों की सजा के सवाल पर तरह−तरह की राय आ रही है, लेकिन सबसे दिलचस्प बयान गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे का है। शिंदे का कहना है कि उनकी सरकार ने जो नया कानून बनाया है उसके तहत ऐसे अपराधों के लिए सिर्फ सज़ा-ए-मौत ही होगी।
शिंदे के इस बयान से एक नई बहस छिड़ती दिख रही है। शिंदे के इस बयान पर वरिष्ठ वकील केटीएस तुलसी का कहना है कि देश के गृहमंत्री का ऐसा बयान अदालत पर दबाव बनाता है।
वहीं, सुप्रीम कोर्ट की वकील पिंकी आनंद ने भी कहा है कि गृहमंत्री को ऐसा बयान नहीं देना चाहिए था।
गौरतलब है कि जिस कानून की बात सुशील कुमार शिंदे कर रहे हैं, वह घटना के बाद बना है और नियमत: 16 दिसंबर की घटना के आरोपियों को नए कानून के तहत सजा नहीं दी जा सकती।
शिंदे के इस बयान से एक नई बहस छिड़ती दिख रही है। शिंदे के इस बयान पर वरिष्ठ वकील केटीएस तुलसी का कहना है कि देश के गृहमंत्री का ऐसा बयान अदालत पर दबाव बनाता है।
वहीं, सुप्रीम कोर्ट की वकील पिंकी आनंद ने भी कहा है कि गृहमंत्री को ऐसा बयान नहीं देना चाहिए था।
गौरतलब है कि जिस कानून की बात सुशील कुमार शिंदे कर रहे हैं, वह घटना के बाद बना है और नियमत: 16 दिसंबर की घटना के आरोपियों को नए कानून के तहत सजा नहीं दी जा सकती।
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