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This Article is From Feb 04, 2023

दिल्ली आबकारी नीति : कांग्रेस ने की CM केजरीवाल के इस्तीफे की मांग, आरोपित मंत्रियों से भी पद छोड़ने को कहा

माकन ने कहा कि केजरीवाल सरकार द्वारा शराब कारोबारियों को दी जा रही रियायतों से सरकारी खजाने को भारी नुकसान हुआ है.

दिल्ली आबकारी नीति : कांग्रेस ने की CM केजरीवाल के इस्तीफे की मांग, आरोपित मंत्रियों से भी पद छोड़ने को कहा
अजय माकन ने कहा कि कांग्रेस मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से तत्काल इस्तीफे की मांग करती है. (स्क्रीनग्रैब)
नई दिल्ली:

दिल्ली में हुए कथित शराब घोटाले पर ईडी द्वारा फाइल की गई सप्लीमेंट्री चार्जशीट के सार्वजनिक होने के बाद विवाद शुरू हो गया है. इस संबंध में शनिवार को कांग्रेस नेता अजय माकन ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय की चार्जशीट जो सार्वजनीक हुई है, उसमें साफ दिख रहा है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल घोटाले में शामिल हैं. कम से कम 100 करोड़ की रिश्वत लेने की बात की गई है. पीएमएलए कोर्ट ने गुरुवार को चार्जशीट का संज्ञान लिया और सभी आरोपियों के खिलाफ आरोप तय करने की अनुमति दी है. 

अजय माकन ने कहा कि कांग्रेस मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और आरोपित मंत्रियों मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन के तत्काल इस्तीफे की मांग करती है. उन्होंने कहा कि चार्जशीट में पैसों की हेरफेर का भी उल्लेख किया गया है, जिससे गोवा चुनाव में प्रचार और सर्वे करने के लिए स्वयंसेवकों को नकद भुगतान करने का उल्लेख है. 

DANICS अधिकारी ने दावा किया है कि शराब कारोबार के थोक विक्रेताओं के लिए 12% मार्जिन के लिए जीओएम रिपोर्ट उन्हें सीएम आवास पर सौंपी गई, जहां मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन भी मौजूद थे. आरोप है कि बिना किसी चर्चा के यह रिपोर्ट उन्हें सौंप दी गई. 

थोक विक्रेताओं को इस 12 प्रतिशत मार्जिन से 6 प्रतिशत को किकबैक के रूप में वापस करने का आरोप है. शराब नीति में बदलाव का सुझाव देने के लिए केजरीवाल सरकार द्वारा 4 सितंबर को विशेषज्ञ समिति का गठन किया गया था. इस समिति ने 13 अक्टूबर 2020 को अपनी रिपोर्ट सौंपी. 

माकन ने कहा कि केजरीवाल सरकार द्वारा शराब कारोबारियों को दी जा रही रियायतों से सरकारी खजाने को भारी नुकसान हुआ है. COVID-19 के कारण शराब लाइसेंस फीस से 144.36 करोड़ रुपये माफ किए गए. एयरपोर्ट एल-1 के लिए 30 करोड़ रुपये की ईएमडी लौटाई गई. 

मुनाफे का मार्जिन 5 से बढ़कर 12% हो गया; अनुज्ञप्तिधारी से 10% वृद्धि शुल्क नहीं लिया गया; नई शराब नीति को बंद करने से पहले पहली तिमाही (2022-23) में 1870 करोड़ रुपये की राजस्व कमी देखी गई थी, जबकि व्हिस्की की बिक्री में 59.6% और शराब की बिक्री में 87.25% की वृद्धि हुई थी. 

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