- लाल किले के सामने हुए धमाके की जांच में कानपुर से जुड़े कई संदिग्धों और सिमकार्ड की जानकारी सामने आई है
- विस्फोट की योजना 2 अक्टूबर को शुरू हुई और अंतिम रूप 28 अक्टूबर को दी गई थी, जिससे साजिश की अवधि का पता चलता है
- विस्फोट में इस्तेमाल की गई कार आमिर राशिद अली के नाम पर थी, जिसे पुलिस ने दस दिन की रिमांड पर लिया है
दिल्ली में लाल किले के सामने हुए धमाके की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, वैसे-वैसे कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आ रहे हैं. दिल्ली ब्लास्ट मामले का अब कानपुर कनेक्शन भी सामने आ गया है. एनआईए की जांच में सामने आया है कि डॉ. परवेज़ (डॉ. शाहीन के भाई), हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. आरिफ और डॉ. फारूक अहमद डार, विस्फोट से एक घंटे पहले तक डॉ. उमर (जिसने कार में विस्फोट किया था) के कॉन्टेक्ट में थे. गिरफ्तारी से पहले, डॉ. शाहीन और डॉ. मुज़म्मिल 8 नवंबर की सुबह तक उमर के सीधे संपर्क में थे. यह भी पता चला है कि ब्लास्ट की प्लानिंग 2 अक्टूबर को शुरू हुई और 28 अक्टूबर को इसे अंतिम रूप दिया गया.
कानपुर से खरीदे गए थे 6 सिमकार्ड
लाल किला ब्लास्ट को अंजाम देने के लिए शुरू किये गए ऑपरेशन में नेपाल से खरीदे गए सात सेकेंड-हैंड मोबाइल फोन का इस्तेमाल किया गया. कुल 17 सिम कार्ड इस्तेमाल किए गए, जिनमें से 6 कानपुर से खरीदे गए थे. इनमें से दो सिम कार्ड बेकनगंज की आईडी से पहचाने गए, जिसके आधार पर सुरक्षा एजेंसियां कार्रवाई कर रही हैं. दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने बेकनगंज में कपड़े की दुकान चलाने वाले और डॉ. परवेज़ के साले उस्मान से छह घंटे तक कड़ी पूछताछ की, लेकिन अभी तक कोई अहम जानकारी नहीं मिली है.
कानपुर आने-जाने के दौरान डॉ. परवेज़ की कर्नलगंज, जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज, बाबूपुरवा और मंधना में अपने दोस्तों से मुलाकात की बात सामने आई है. यह भी पता चला है कि डॉ. शाहीन अक्टूबर महीने में कानपुर में देखी गई थीं.

10 दिन की रिमांड पर आमिर राशिद
एनआईए ने सोमवार को लाल किला ब्लास्ट केस में एक आरोपी को दिल्ली की अदालत में पेश किया. आरोपी आमिर राशिद अली को प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश के समक्ष पेश किया गया. इसके बाद आमिर को 10 दिन की पुलिस रिमांड में भेज दिया गया है. ब्लास्ट में इस्तेमाल i20 कार आमिर राशिद अली के नाम पर ही रजिस्टर्ड थी. आमिर पेशे से एक प्लंबर है, लेकिन आरोप है कि वह लाल किला ब्लास्ट की प्लानिंग का एक हिस्सा था. राष्ट्रीय राजधानी में 10 नवंबर को लाल किले के पास विस्फोटकों से लदी एक कार में हुए विस्फोट में 13 लोग मारे गए और कई अन्य घायल हो गए. लाल किले के पास विस्फोट के लिए इस्तेमाल की गई कार को जम्मू कश्मीर के पुलवामा का डॉक्टर आतंकी उमर नबी चला रहा था. उमर का संबंध एक ‘सफेदपोश' आतंकी मॉड्यूल से था जिसका भंडाफोड़ मुख्य रूप से हरियाणा के फरीदाबाद से 2900 किलोग्राम विस्फोटकों की बरामदगी के बाद हुआ था.
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