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दिल्ली ब्लास्ट Exclusive: सूटकेस में बंद करके रखता था डॉ. उमर अपने राज, इस जगह पर हुई थी आतंकियों की पहली बैठक

दिल्ली ब्लास्ट में गिरफ्तार डॉक्टर मुजम्मिल शकील गनई ने पूछताछ में बताया है कि फरीदाबाद में जो विस्फोटक मिला है, उसमें से कुछ डॉक्टर उमर उन नबी जम्मू कश्मीर ले जाना चाहता था. उसकी योजना वहां कुछ बड़ा करने की थी.

  • डॉक्टर मुजम्मिल शकील गनई आतंकी संगठन अंसार गजवत उल हिन्द से भी जुड़ा रहा था.
  • आतंकी ने बताया है कि फरीदाबाद से बरामद विस्फोटकों का एक हिस्सा जम्मू कश्मीर में ले जाया जाना था.
  • डॉक्टर उमर, जो इस ग्रुप का नेतृत्व करता था, विस्फोटक बनाने के लिए यूरिया का इस्तेमाल कर टेस्टिंग करता था.
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नई दिल्ली:

दिल्ली में 10 नवंबर को लाल किला मेट्रो स्टेशन ब्लास्ट मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) कर रही है. एनआईए ने इस मामले में अब तक छह लोगों को गिरफ्तार किया है. इसमें जम्मू कश्मीर के पुलवामा निवासी डॉक्टर मुजम्मिल शकील गनई और उत्तर प्रदेश की लखनऊ निवासी डॉक्टर शाहीन सईद भी शामिल हैं. पूछताछ में डॉक्टर मुजम्मिल और डॉक्टर शाहीन ने कई चौकाने वाले खुलासे किए हैं. दोनों ने बताया है कि पुलिस ने हरियाणा के फरीदाबाद से जो विस्फोटक बरामद किए हैं, उनका कुछ हिस्सा बॉम्बर डॉक्टर उमर उन नबी जम्मू कश्मीर ले जाना चाहता था. उसकी योजना वहां भी कुछ बड़ा करने की थी.  

डॉक्टर मुजम्मिल ने बताया है कि फरीदाबाद में स्टोर करके रखा गया विस्फोटक हमें जम्मू कश्मीर भी ले जाना था, उमर वहां कुछ बड़ा करने की योजना बना रहा था. दोनों ने बताया है कि डॉक्टर उमर हमारे साथ ही मेवात के नूंह से यूरिया लेकर आता था. दोनों ने बताया है कि उमर यूरिया से से विस्फोटक बनाने के लिए टेस्टिंग अलफला यूनिवर्सिटी के अपने कमरा नंबर-चार में करता था. 

सूटकेस में बंद डॉक्टर उमर के राज 

डॉक्टर मुजम्मिल ने बताया है कि डॉक्टर उमर का एक सूटकेस उसका सबसे बड़ा राजदार था. इस सूटकेस को जब सुरक्षा एजेंसियों ने खोला तो उसमें बहुत सारे सबूत बरामद हुए. उमर इस सूटकेस में बम बनाने का सामान हमेशा रखता था.

इन आतंकियों ने बताया है कि वे डॉक्टर उमर, डॉक्टर अदील और मुफ्ती इरफान के साथ मिलकर एक बड़ी साजिश का ताना-बाना बुन रहे थे. इस ग्रुप का हेड था डॉक्टर उमर.मुजम्मिल ने बताया है कि इस ग्रुप में सबसे तेज और बहुत ज्यादा एक्टिव था डॉक्टर उमर ही था. उसने बताया है कि हमने एक ग्रुप बनाया हुआ था, जिसका एडमिन उमर था. यह ग्रुप उमर ने चीनी भाषा में बनाया था. उसमें सिर्फ चीनी भाषा में बात होती थी और ग्रुप का नाम भी चाइनीज भाषा में ही था.

कहां हुई थी आतंकियों की पहली बैठक

डॉक्टर मुजम्मिल का कहना है कि डॉक्टर उमर और डॉक्टर अदील अहमद राठर पहले से ही एक-दूसरे को जानते थे, क्योंकि अदील उमर का जूनियर था. मुजम्मिल ने बताया है कि उसकी मुफ्ती इरफान अहमद से पहली मुलाकात जम्मू कश्मीर में एक बुजुर्ग महिला के इलाज करने के दौरान एक घर में हुई थी. उसने बताया है कि मुफ्ती इरफान आतंकी संगठन अंसार गजवत उल हिन्द के आतंकी हाफिज तांत्रे के साथ पहले से ही जुड़ा हुआ था. तांत्रे 2021 में एक इनकाउंटर में मारा गया था. उसके बाद  डॉक्टर मुजम्मिल ने भी 2021 में अंसार गजवत उल हिन्द की सदस्यता ले ली थी. बातों-बातों में मेरी और मुफ्ती की दोस्ती हो गई थी. अंसार गजवत उल हिन्द 2022 में डीएक्टिव हो गया था. 

मुजम्मिल, डॉक्टर उमर, मुफ्ती इरफान और डॉक्टर अदील की पहली मुलाकात फरवरी 2022 में श्रीनगर में हुई थी. इसी के बाद से इन सबकी आतंकी बैठकों का सिलसिला शुरू होता है. उसने बताया है कि 2022 में तुफैल नाम के एक शख्स से इन लोगों ने AK राइफल मंगवाई थी. 

डॉक्टर मुजम्मिल ने बताया है कि 2022 में उमर से हुई बातचीत में नजर आई उसकी सोच और उसकी नॉलेज ने हम सब को उसका फैन बना दिया था. वो बाबरी मस्जिद की घटना से लेकर भारत और दुनिया के दूसरे देशों में मुसलमानों पर हुए अत्याचार के किस्से-कहानियां हमें सुनाता था.वह कहता था कि जम्मू कश्मीर में भारतीय सुरक्षा बलों की मदद जम्मू कश्मीर के लोगों को नहीं करनी चाहिए. 

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